आंवला के वृक्ष की पूजा कर स्वजनों के कल्याण की कामना
अक्षय नवमी पर शनिवार को शहर से गांव तक लोगों ने आंवला के पेड़ की पूजा की।
मुजफ्फरपुर : अक्षय नवमी पर शनिवार को शहर से गांव तक लोगों ने आंवला के पेड़ की पूजा की। संध्या में उसके नीचे मिट्टी के चूल्हा पर लकड़ी की मदद से स्वादिष्ट व्यंजन बना भगवान विष्णु को भोग लगाया गया। इसके बाद उसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया। गोला रोड स्थित मां दुर्गा मंदिर में अक्षय नवमी पर भव्य आयोजन किया गया। मंदिर परिसर स्थित पार्क में मिट्टी के बर्तन में महाप्रसाद खिचड़ी तैयार किया गया। मां दुर्गा को भोग लगाने के बाद महाप्रसाद का वितरण किया गया। मौके पर सचिव सुबोध कुमार, अध्यक्ष धीरज कुमार, विजय कुमार, विनोद कुमार, देवेंद्र चाचान, राधाकांत सिंह, राजू रजक, नित्यानंद मेहता, उदय कुमार समेत अन्य ने भूमिका निभाई। आंवला के वृक्ष में होता विष्णु और शिव का वास : पं.मिश्र पं.प्रभात मिश्र बताते हैं कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी या अक्षय नवमी कहा जाता है। इस दिन आंवला के पूजन का विशेष महत्व है। पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए भी लोग नवमी पर पूजन करते हैं। आंवले की पूजा के बाद दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इस दिन आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु और शिव का निवास होता है। उनकी पूजा से आरोग्यता की प्राप्ति होती है। इस दिन आंवला के वृक्ष की पूजा के साथ ही आंवला खाने की भी परंपरा रही है।
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