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Bihar News: नालंदा में मिड-डे मील खाने से 22 बच्चे बीमार, उल्टी व दस्त की शिकायत; मचा हड़कंप

बिहरा में नालंदा जिले के एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील खाने से 22 बच्चे बीमार हो गए। बच्चों को उल्टी और दस्त की शिकायत हुई। उन्हें तुरंत अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि खाने में छिपकली मिली थी जिसके कारण बच्चों में उल्टी दस्त और सिर चकराने की समस्या होने लगी। मामले की जांच की जा रही है।

By Jagran News Edited By: Mohit Tripathi Updated: Fri, 13 Sep 2024 07:02 PM (IST)
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मिड्डे मील खाने से नालंदा के मध्य विद्यालय हरवंशपुर मड़वा हिलसा के 22 बच्चे बीमार। (सांकेतिक फोटो)

जागरण टीम, हिलसा (नालंदा)। हिलसा अनुमंडल के मध्य विद्यालय हरवंशपुर मड़वा में मध्याह्न भोजन खाने से 22 बच्चे बीमार हो गए। मिली जानकारी के मुताबिक, खाना में छिपकली मिलने के उपरांत बच्चे उल्टी करने लगे। बच्चों को तत्काल अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।

मध्य विद्यालय हरवंशपुर मड़वा के छात्र गोलू कुमार ने बताया कि खाना में एक छिपकली निकला, उक्त खाना को सभी बच्चों ने खाया था। इसके उपरांत एक-एक कर सभी की तबीयत बिगड़ने लगी। उल्टी और चक्कर आने लगा। मध्याह्न भोजन में पुलाव और छोला मिला था। पुलाव में छिपकली मिली थी।

छात्रों को उल्टी-दस्त होने से मचा हड़कंप 

अचानक एक-एक कर बच्चों में उल्टी, दस्त और सिर चकराने की शिकायत पर स्कूल में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में एंबुलेंस बुलाई गई और बच्चों को एक-एक कर हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।

जैसे ही यह बात बच्चों के परिजनों को मिली तो एक-एक कर वे अपने बच्चे को देखने के लिए अस्पताल पहुंचाते रहे, जिससे पूरे अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल बना रहा।

स्कूल के प्राचार्य ने क्या कहा?

स्कूल के प्राचार्य अबू तलाह ने बताया कि एनजीओ के द्वारा स्कूल में खाना पहुंचाया जाता है। जिसे स्कूल के रसोईया और शिक्षक के द्वारा खाना खाकर टेस्ट किया गया था। इसके उपरांत बच्चों को परोसा गया। एक बच्चे की थाली में छिपकली मिली इसके बाद यह पूरी घटना हुई।

बच्चों की स्थिति सामान्य

अनुमंडलीय अस्पताल में कार्यरत डॉ. राजीव रंजन, चाइल्ड स्पेशलिस्ट, अनुमंडलीय अस्पताल हिलसा ने बताया कि बच्चों की स्थिति सामान्य है। उन्हें दवा और स्लाइन किया जा रहा है।

डीपीओ ने क्या कहा?

मध्याह्वन भोजन के डीपीओ अंशु कुमारी ने कहा कि भोजन में छिपकिली मिलने की बात आयी है। यह भोजना एनजीओ के द्वारा दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि भोजन आने के बाद प्राचार्य व शिक्षक की जवाबदेही है कि बच्चों को परासने से पहले उसकी जांच करनी है। इसमें लापरवाही बरतने वाले एनजीओ व प्राचार्य पर कार्रवाई तय है।

डीपीओ ने आगे कहा कि सूचना मिलते ही मैं भी इसकी जांच के लिए रवाना हो गई हूं। जांच के बाद पूरे मामले का खुलासा हो जाएगा।

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