सब्जियों के दाम सुन नाक-मुंह सिकोड़ रहे लोग, टमाटर के बाद बैंगन ने लगाया शतक; हरी मिर्च-धनिया के भी तेवर बढ़े
सब्जी उत्पादन के लिए महशूर शहर में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। टमाटर और हरी मिर्च के बाद बैंगन ने भी शतक जड़ दी है। दो दिन पहले तक बैगन 80 रुपए किलो था। रविवार को बढ़कर 100 हो गया है। अदरक और धनिया के तो कहने ही क्या? 300 रुपए किलो। कोई भी सब्जी 50 रुपए से कम में थैले में जाने को तैयार नहीं हैं।
By rajnikant sinhaEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Sun, 09 Jul 2023 05:27 PM (IST)
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ। शहर के चौक-चौराहों पर सजीं दुकानों पर मोल-भाल करते ग्राहक की हरी सब्जियों के दाम सुनते ही नाक-मुंह सिकोड़ने लग जाते हैं। महंगाई का झटका से लोगों के घर का बजट गड़बड़ा गया है। पहले लोग किलो के भाव से सब्जी खरीदते थे अब पाव भर से काम चला रहे हैं।
मंडियों में यह नजारा एक दिन का नहीं है। पिछले 10 दिनों से महंगाई की गर्मी इतनी चढ़ी है कि खरीदार के होश उड़ गए हैं। हरी सब्जियों के दाम बढ़ने से अब गरीबों के अलावा मध्यम वर्गीय परिवार की थाली से हरी सब्जियां गायब हो गयी हैं।
सब्जी उत्पादन के लिए महशूर शहर में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। हद तो यह कि टमाटर और हरी मिर्च के बाद बैंगन ने भी शतक जड़ दी है। दो दिन पहले तक बैगन 80 रुपए किलो था। रविवार को बढ़कर 100 हो गया है। अदरक और धनिया के तो कहने ही क्या? 300 रुपए किलो।
हद तो यह कि बाजार में कोई भी सब्जी 50 रुपए से कम में खरीदारों के थैले में जाने को तैयार नहीं हैं। भले ही कीमत बढ़ने का दाम किसानों को कम मिल पा रहा है। मीठे बोल बोलकर खुदरा दुकानदार खरीदारों की जेबें ढीली जरूर कर रहे हैं। मंडी या खेत से खुद सस्ता खरीदते हैं, लेकिन ग्राहकों को महंगाई का बहाना बनाकर मोटी रकम वसूलते हैं।
मंडी से दुकान आते ही कीमत हो जाती है दोगुनी
बाजार समिति मंडी में सब्जियों के दाम कम हैं। हालांकि, मंडी से चौक-चौराहों पर पहुंचते ही सब्जियों के दाम बढ़ जा रहे हैं। हद तो यह कि कारोबारी खेत से सब्जियां खरीदकर दुकानों में दोगुने दाम पर बेच रहे हैं। भिंडी खेत में 30 रुपए किलो तो बाजार में 60 रुपए किलो। किसान से कारोबारी परवल 40 रुपए खरीदरते हैं। बाजार में 80 रुपए किलो बेचते हैं। मंडी में हरी मिर्च 150 रुपए तो बाजार में 200 रुपए किलो है।दाम बढ़ा तो मांग घटी
टमाटम और हरी मिर्च के दाम बढ़ने से मांग में भी जोरदार गिरावट आयी है। सब्जी मंडी के कारोबारियों के अनुसार, अभी रोज करीब पांच हजार किलो टमाटर की खपत है। जबकि, दाम कम रहने पर 20 हजार किलो तक एक दिन में बिक्री होती थी। हरी मिर्च अभी रोज दो से ढ़ाई हजार किलो बिकती है।पहले हर रोज मिर्च की 10 से 12 हजार किलोग्राम की खपत थी। अम्बेर मोड़ के दुकानदार संजीव कुमार कहते हैं कि ज्यादातर ग्राहक टमाटर खरीदने से बचते हैं। बहुत जरूरत होती है तो 100 से 250 ग्राम में काम चलाते हैं। हरी मिर्च तो 50 से 100 ग्राम से ज्यादा कोई खरीदना ही नहीं चाहते हैं।
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