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बिहार के इस जिले में आसमान छू रहे प्लॉट के दाम, बिना रजिस्ट्रेशन के ही सैकड़ों एजेंट कर रहे जमीन की खरीद-ब्रिकी

इस्लामपुर खुदागंज सहित आसपास के क्षेत्रों में जमीन का दाम आसमान छू रहा है। शहर के चारों तरफ हर दिन प्लॉट की खरीद-बिक्री हो रही है और यह खरीद बिक्री एजेंटों के माध्यम से ही हो रही है लेकिन इन एजेंटों में से अधिकतर के पास कोई वैध लाइसेंस नहीं है। शहर के इस्लामपुर खुदागंज जैतीपुर आदि क्षेत्रों में बिचौलिये सबसे ज्यादा हावी हैं।

By Fajal Mowaj (Islampur) Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 22 Feb 2024 03:34 PM (IST)
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बिना रजिस्ट्रेशन के ही सैकड़ों एजेंट कर रहे जमीन की खरीद-ब्रिकी

संवाद सूत्र, खुदागंज (नालंदा)। जमीन की खरीद बिक्री के लिए रेरा से रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है, लेकिन प्रखंड में रेरा में रजिस्ट्रेशन के बिना ही सैकड़ों एजेंट जमीन का सौदा कर रहे हैं। नियमों को ताक पर रखकर जमीन की खरीद बिक्री हो रही है। नतीजा हर दिन जमीन को लेकर विवाद, मारपीट और मुकदमे हो रहे हैं।

इस्लामपुर खुदागंज सहित आसपास के क्षेत्रों में जमीन का दाम आसमान छू रहा है। शहर के चारों तरफ हर दिन प्लॉट की खरीद-बिक्री हो रही है और यह खरीद बिक्री एजेंटों के माध्यम से ही हो रही है, लेकिन इन एजेंटों में से अधिकतर के पास कोई वैध लाइसेंस नहीं है। शहर के इस्लामपुर, खुदागंज, जैतीपुर आदि क्षेत्रों में बिचौलिये सबसे ज्यादा हावी हैं।

इन क्षेत्रों में अक्सर विवाद भी होते रहते हैं। अधिकतर जमीन की बिक्री में जमीन की खरीद-बिक्री करने वाले एजेंट हावी हैं। जिन्हें रेरा की जानकारी भी नहीं है। वे लोग भी इस सौदेबाजी में लगे हैं। इन एजेंटो के चलते जमीन की कीमत सरकारी आंकड़ों से कई गुना अधिक हो गई है। कहीं-कहीं तो दस गुना से भी अधिक है। सरकारी दर या बाजार दर में अंतर का फायदा विक्रेता को जबकि नुकसान खरीदार व सरकार को हो रहा है।

स्थिति यह है कि कमर्शियल प्लॉट खेतिहर प्लॉट बनाकर बिक रहे हैं। प्रखंड में अवैध प्लॉटिंग का कारोबार बेखौफ हो रहा है। शासन-प्रशासन के सारे नियमों को ताक पर रखकर यहां खेत खलिहान की आवासीय प्लॉट के रूप में खरीदी बिक्री हो रही है। स्थिति यह है कि शहर के आसपास इलाकों में रोज कहीं ना कहीं कॉलोनी का नक्शा खींचा जा रहा है। प्रखंड मुख्यालय सहित आसपास के इलाकों में इन दिनों अवैध प्लॉटिंग का कारोबार जोर-शोर से हो रहा है। खुदागंज सहित अन्य क्षेत्रों में बड़े स्तर पर अवैध प्लॉटिंग का खेल चल रहा है। यहां बिल्डर रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी को दरकिनार कर प्लॉट बेच रहे हैं। इसके चलते प्लॉट खरीदने वाले लोग भविष्य में परेशानी में फंस सकते हैं।

रेरा के नियमों का पालन नहीं होने पर कार्रवाई का प्रविधान

रेरा के नियमों का पालन नहीं होने पर बिल्डर पर कार्रवाई का प्रविधान है। गड़बड़ी करने वालों पर जहां रेरा उसकी योजना की लागत का दस प्रतिशत तक जुर्माना कर सकती है। वहीं किसी मामले में एफआइआर होने पर तीन साल की सजा का भी प्रविधान एक्ट में है। रेरा के अनुसार एक्ट की वजह से यह भी तय है कि जिनका पंजीयन रेरा में होगा, उन बिल्डरों पर लोग भरोसा कर सकेंगे।

थ्रीडी फोटो दिखाकर सुविधा के नाम पर दिखा देते हैं ठेंगा

अच्छे ब्रॉशर, थ्रीडी फोटो दिखाकर ऊंची कीमत पर प्लॉट और घर बेचने के बाद भी कालोनाइजर्स सुविधाएं नहीं देते। ज्यादातर कॉलोनियों में रहने वाले बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलने से परेशान हैं। नाली, पानी की निकासी, विद्युत व्यवस्था, सीवर लाइन नहीं होने के साथ कुछ जगह तो सड़कें भी नहीं बनाई गई हैं।

बेखौफ हैं भू-माफिया

जमीन दलालों के वायदे और झूठे कागाजत के फेर में फंसकर जमीन व मकान खरीदने वाले लोगों को बाद में खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। सैकड़ों लोग डायवर्सन व एनओसी के लिए महीनों से कलेक्टोरेट व नगर पालिका दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं। भूमाफियाओं के झांसे में आए लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ रहा है। इसके बावजूद जिला प्रशासन प्रखंड में तेजी से बढ़ रहे अवैध प्लॉटिंग के कारोबार को रोकने कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। प्रशासन ने भूमाफियाओं के खिलाफ एक भी कार्रवाई नहीं की है। यही वजह है कि कृषि भूमि पर तैयार हो रही इमारतों की अनुमति को लेकर कोई छानबीन नहीं की जा रही है। अंचल पदाधिकारी ने बताया कि जांच पड़ताल कर ऐसे एजेंटो पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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