Move to Jagran APP

Bihar News: UGC से हरी झंडी मिलते ही इस यूनिवर्सिटी को मिलेगी एडमिशन की अनुमति, टकटकी लगाए बैठा है विश्वविद्यालय प्रशासन

Nalanda Open University नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी विश्वविद्यालय प्रशासन यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के दूरस्थ शिक्षा विभाग की ओर टकटकी लगाए हुए है। कारण है कि विश्वविद्यालय प्रशासन को उम्मीद है कि जल्द से जल्द यूजीसी दूरस्थ शिक्षा माध्यम से नालंदा ओपन को रनिंग सत्र 2023 से ही नामांकन लेने की अनुमति मिल जाए। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस दिशा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।

By rajnikant sinha Edited By: Prateek Jain Updated: Sat, 06 Jan 2024 10:07 PM (IST)
Hero Image
Bihar: UGC से हरी झंडी मिलते ही इस यूनिवर्सिटी को मिलेगी एडमिशन की अनुमति, टकटकी लगाए बैठा है विश्वविद्यालय प्रशासन

संवाद सूत्र, नालंदा। नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी विश्वविद्यालय प्रशासन यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के दूरस्थ शिक्षा विभाग की ओर टकटकी लगाए हुए है।

कारण है कि विश्वविद्यालय प्रशासन को उम्मीद है कि जल्द से जल्द यूजीसी, दूरस्थ शिक्षा माध्यम से नालंदा ओपन को रनिंग सत्र 2023 से ही नामांकन लेने की अनुमति मिल जाए।

हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस दिशा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। हाल ही में विश्वविद्यालय को नैक की सी ग्रेडिंग भी प्राप्त हो गई है।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने एडमिशन अप्रूवल के यूजीसी को 6 लाख छियानवे हजार दो सौ रुपये जमा भी कर दिया है, ताकि नियमित सत्र 2023 से ही ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट संकाय में नामांकन की प्रक्रिया शुरू करने का जल्द परमिशन मिल जाए।

नालंदा विवि का भवन

विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ मोहम्मद हबीबुर्रहमान ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन चाहता है कि 2023 सत्र से ही यूजीसी नामांकन का परमिशन दे। क्योंकि पूर्व में 2019 से 2023 तक ही मान्यता मिली थी। इस कारण से 2022 में नामांकन भी कराया गया।

परंतु साल 2023 में अभी तक नामांकन शुरू नहीं हुआ, जबकि 2023 साल बीत भी गया है। कहीं ऐसा ना हो कि लेटलतीफी के चलते 2024 से नामांकन का परमिशन प्राप्त हो तो वैसी स्थिति में विश्वविद्यालय के अकादमिक सत्र में एक साल का गैप हो जाएगा।

रजिस्ट्रार डा. मोहम्मद हबीबुर रहमान ने कहा कि पहले यूजीसी की ओर से नैक ग्रेडिंग के चलते परमिशन में देरी की जा रही थी । परंतु अब वह बाधा भी दूर हो चुकी है।

एनओयू को नैक से सी एक्रिडेशन मिल चुका

हाल के दिनों में नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी (एनओयू) को नैक से सी एक्रिडेशन मिल गया है। एनओयू को ग्रेड प्राप्त हुआ है। नैक ग्रेड नहीं होने के कारण सत्र 2023 में ग्रेजुएशन व पीजी कोर्स में नामांकन की अनुमति नहीं मिली थी।

यूजीसी की दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो ने सत्र 2023-24 में यूजी व पीजी कोर्स में नामांकन के लिए मान्यता बहाल नहीं किया था। वहीं दूसरी ओर शिक्षकों के अभाव में किसी विषय में पीएचडी कोर्स प्रारंभ करने की अनुमति दूरस्थ शिक्षा केंद्र से नहीं मिली है।

सेवानिवृत्त या गेस्ट फैकल्टी के माध्यम से पीएचडी संचालित नहीं किया जा सकता है। पिछले सत्र तक यूजी व पीजी में 50 से अधिक पाठ्यक्रम में नामांकन की अनुमति थी।

शिक्षा विभाग ने 2019 में विश्वविद्यालय में शिक्षक के 142 तथा गैर शिक्षक के 87 पदों पर नियुक्ति के लिए पद चिह्नित किया था, लेकिन एक भी पद पर नियुक्ति चार वर्ष बाद भी नहीं हुई है।

2018 में जारी दूरस्थ शिक्षा परिनियम के अनुसार एक कोर्स के लिए कम से तीन शिक्षकों का होना अनिवार्य है। वर्तमान में एनओयू में कोर्स को-ऑर्डिनेटर सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। इनमें से अधिसंख्य की आयु 70 वर्ष से अधिक है।

नालंदा से विश्वविद्यालय संचालित होने पर इनमें से कई को-ऑर्डिनेटर ने असमर्थता जाहिर कर दी है। यूजीसी के दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो ने स्नातक व स्नातकोत्तर की मान्यता के लिए मानक निर्धारित कर रखा है।

मानक की कसौटी पर खरा उतरने पर ही संबंधित कोर्स के लिए मान्यता प्रदान की जायेगी, जिस विषय में मानक के अनुरूप शिक्षक, पाठ्य सामग्री व पर्याप्त सुविधा नहीं होगी, उसमें नामांकन की अनुमति किसी भी दूरस्थ विश्वविद्यालय को प्रदान नहीं की जा रही है।

जानकारी हो कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सभी विद्यार्थी को उपलब्ध करानी है। इसके प्रति सरकार भी सजग है।

यह भी पढ़ें -

Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस का ये नेता 11 राज्य में चुनेगा टिकट के दावेदार, महाराणा प्रताप के वंशजों से है इनका गहरा नाता

KK Pathak: स्कूल में गेट खोलते ही भड़क उठे केके पाठक, डीईओ, दो बीईओ व चार प्रधानाध्यापक का वेतन रोका

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।