Biharsharif News: ट्रेड लाइसेंस बनवाने से कन्नी काट रहे दुकानदार, कहा- सुविधाएं देते नहीं और सिर्फ टैक्स चाहिए
बिहारशरीफ में दुकानदार ट्रेड लाइसेंस बनवाने से कन्नी काट रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि नगर निगम सुविधाएं देता नहीं है और सिर्फ टैक्स लेना चाहता है। दुकानदारों ने यह भी कहा कि ट्रेड लाइसेंस बनवाने की बोझिल प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत है। वहीं ट्रेड लाइसेंस न बनाए जाने के कारण नगर निगम को काफी नुकसान हो रहा है।
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ। शहरों में विगत कुछ वर्षों में दुकानों की संख्या भले ही दोगुनी हुई हो। लेकिन उसके अनुरूप टैक्स की प्राप्ति नहीं हो पा रही। ट्रेड लाइसेंस प्राप्ति की जटिलता को खत्म करने के लिए इसे ऑनलाइन कर दिया है। बावजूद ट्रेड लाइसेंस लेने वालों की गति बेहद धीमी है। जिसका विपरीत प्रभाव नगर निगम की व्यवस्था पर पड़ रहा है।
खर्च की एवज में आमदनी नहीं हो पा रही है। आंकड़े बताते हैं कि ट्रेड टैक्स से साल में महज दस लाख की राशि ही प्राप्त हो ही है। ट्रेड लाइसेंस के तहत शहर में ढाई हजार दुकानदार निबंधित हैं। ट्रेड लाइसेंस के तहत 10 लाख तक रोजगार करने वाले को साल में एक हजार रुपये तो 10 लाख रुपये से अधिक का कारोबार करने वाले से 2500 रुपये टैक्स निर्धारित है।
लोगों में पनप रहा आक्रोश
एक ही व्यक्ति से निगम कई प्रकार के टैक्स वसूल करती है। निगम की इस प्रणाली से लोगों में आक्रोश है। प्रोपर्टी टैक्स वसूली के साथ, वाटर टैक्स तथा कूड़ा उठाव टैक्स भी हरेक को देना पड़ा रहा है।
वहीं, दुकानदारों के लिए अलग से ट्रेड टैक्स है। निगम में टैक्सों की भरमार है। लेकिन सुविधाएं नदारद है। ऐसे में दुकानदार मुखर होने लगे हैं। इस पूरे साल में महज 130 दुकानदारों ने ही अब तक ट्रेड लाइसेंस लिए हैं, जो उदासीनता को दर्शाता है।
ट्रेड लाइसेंस लेने की बोझिल प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत
दुकानदार सोनू कुमार ने कहा कि कूड़ा उठाव, प्रोपर्टी टैक्स, इनकम टैक्स, जीएसटी सहित न जाने कितने प्रकार के टैक्स लोगों से लिए जा रहे हैं। लेकिन सुविधाएं कुछ भी नहीं। ट्रेड लाइसेंस लेने की बोझिल प्रक्रिया के कारण अब तक लाइसेंस नहीं ले पाया।
सिर्फ टैक्स, सुविधाएं कुछ भी नहीं
राकेश कुमार कहते हैं टैक्स के कुछ फायदे भी तो दिखने चाहिए। निगम हर वक्त टैक्स की बात करती है। न सड़के सही है, न ही कूड़े का उठान हो रहा है। 20 से अधिक वार्डों में जल की समस्या बनी है। लेकिन उन वार्ड के लोगों से भी टैक्स लिए जा रहे हैं। यह तो अन्याय है।
बिना लाइसेंस वाले दुकानों को नोटिस भेजने की तैयारी
शहरी क्षेत्र के तमाम दुकानदारों को ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य है। लाइसेंस के अभाव में किसी प्रकार का व्यापार करने की उन्हें इजाजत नहीं है। इस वर्ष महज 130 दुकानदारों ने लाइसेंस लिया है। जो काफी कम है। इस माह के अंत तक बिना लाइसेंस वाले दुकानों को नोटिस भेजने की तैयारी है। - शैलेन्द्र कुमार, राजस्व अधिकारी
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