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Bihar News : बिहार के इतिहास और शौर्यगाथा को सहेजेगा डिजिटल संग्रहालय, राजगीर में ASI जल्द पूरा कर लेगा ये काम

Bihar News बिहार के राजगीर को जल्द ही डिजिटल संग्रहालय की सौगात मिलेगी। यह बात नई दिल्ली स्थित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक डॉ. यदुवीर सिंह रावत ने कही है। उन्होंने रविवार को यहां उत्खनन कार्य का निरीक्षण करते हुए कहा कि बिहार के इतिहास और विशेषकर इसकी शाैर्यगाथा को जल्द ही डिजिटल रूप में सहेज कर रखा जाएगा।

By MANOJ KUMAR Edited By: Yogesh Sahu Updated: Mon, 13 May 2024 10:49 AM (IST)
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Bihar News: बिहार के इतिहास और शौर्यगाथा को सहेजेगा डिजिटल संग्रहालय, राजगीर में ASI जल्द पूरा कर लेगा ये काम
संवाद सहयोगी, राजगीर। Bihar News : आर्कियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआइ) अर्थात् भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, नई दिल्ली के महानिदेशक डा. यदुवीर सिंह रावत ने रविवार को अजातशत्रु किला मैदान में जारी उत्खनन कार्य का निरीक्षण किया।

इस दौरान महानिदेशक ने बड़ी घोषणा की, कहा कि अगले वर्ष जून-जुलाई माह तक अत्याधुनिक टेक्नोलाजी से लैस डिजिटल संग्रहालय का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। उस संग्रहालय में नालंदा का प्राचीन इतिहास व शौर्यगाथा की जानकारी मिलेगी।

अधीक्षण पुरातत्व डाक्टर सुजीत नयन ने, महानिदेशक को उत्खनन से प्राप्त हुए अवशेष दिखाए और इनके काल खंड व इतिहास पर चर्चा की। महानिदेशक ने निर्देश दिया कि कुछ दिनों बाद बरसात का मौसम आने वाला है।

उत्खनन कार्य में किसी तरह की बाधा उत्पन्न ना हो, इसके लिए शेड का निर्माण करें और निर्बाध रूप से उत्खनन जारी रखें। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक स्थल के गर्भ में प्राचीन इतिहास दबा हुआ है। मिले साक्ष्यों के अध्ययन से अब तक ज्ञात इतिहास बदल सकता है।

निरीक्षण में वर्ल्ड हेरिटेज के ज्वाईंट डायरेक्टर जनरल डा एमएस चौहान, पटना अंचल से अधीक्षण पुरातत्वविद डा. गौतमी भट्टाचार्य, सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद भानू प्रताप समेत अन्य अधिकारी शामिल थे।

राजगीर में होगा संग्रहालय का निर्माण

महानिदेशक ने डिजिटल संग्रहालय के लिए राजगीर में चिह्नित स्थल का निरीक्षण किया। यह स्थल पांडू पोखर के सामने उत्तर और जापानी मंदिर के दक्षिण अवस्थित है। अंचल प्रशासन ने कुछ दिन पहले इस स्थल की मापी करवा ली है।

यह संग्रहालय अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगा, जिसमें राजगीर सहित प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के गौरवशाली अतीत एवं अन्य ऐतिहासिक स्थलों के इतिहास को डिजिटल माध्यम से दिखाया जाएगा।

महानिदेशक ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय नालंदा विश्व विद्यालय के कुलपति अभय कुमार सिंह से इन सभी चीजों को लेकर बातचीत चल रही है। इस कार्य के लिए विश्व विद्यालय के रिसर्च एवं डेवलपमेंट विषय के छात्रों का भी सहयोग लिया जाएगा।

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