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लोदीपुर नरसंहार मामले में 15 दोषियों को उम्र कैद की सजा, पीड़ित पक्ष बोला- फांसी मिलती तो अच्छा होता

नालंदा जिले के लोदीपुर नरसंहार मामले में कोर्ट ने 15 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपियों में एक महिला चिंता देवी भी शामिल हैं। 4 अगस्त 2021 को हुए इस नरसंहार में 5 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए थे। पीड़ित पक्ष ने राहत की सांस ली है लेकिन उनका कहना है कि फांसी की सजा होती तो बेहतर होता।

By rajnikant sinha Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 21 Oct 2024 05:00 PM (IST)
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बिहारशरीफ न्यायालय में सजा का फैसला सुनने के बाद बाहर निकलते लोग। जागरण
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ। नालंदा जिले के राजगीर प्रखंड के छबिलापुर थाना इलाके में भूमि विवाद में 4 अगस्त 2021 को हुए चर्चित लोदीपुर नरसंहार मामले में कोर्ट ने 15 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपियों में एक महिला चिंता देवी भी शामिल हैं, जबकि दो नाबालिग आरोपियों की सुनवाई किशोर न्याय परिषद में चल रही है।

बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-3 अखौरी अभिषेक सहाय ने 15 आरोपियों को हत्या समेत जानलेवा हमला और अन्य धाराओं के अलावा शस्त्र अधिनियम में दोषी पाए जाने के बाद आज सजा सुनायी।

मामले में अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक कैंसर इमाम और सूचक की ओर से अधिवक्ता कमलेश कुमार ने सभी 25 लोगों की गवाही कराई थी। वहीं, आरोपियों ने भी बेगुनाही साबित करने के लिए चार लोगों की कोर्ट में गवाही कराई थी।

पीड़ित पक्ष ने क्या कहा?

सजा सुनाए जाने के बाद पीड़ित पक्ष ने राहत की सांस ली है। हालांकि, उन्होंने कहा कि उम्र कैद की जगह फांसी की सजा होती तो ज्यादा अच्छा होता।

इन्हें मिली सजा

आरोपित भोला यादव, रामकुमार यादव, विनय यादव, लल्लू यादव, गुड्डी यादव, छोटी यादव, नीतीश यादव, इंदु यादव, महेंद्र यादव व चिंता देवी छबिलापुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव के निवासी हैं। जबकि, कृष्ण यादव, विनोद यादव व श्यामदेव यादव करमूबिगहा गांव के रहने वाले हैं। वहीं आरोपित अवधेश यादव मालीसांढ़ गांव के निवासी हैं।

लोदीपुर नरसंहार मामला

मृतक और आरोपियों के बीच वर्ष 2010 से जमीन विवाद चल रहा था। इस संबंध में एक टाइटल सूट मुकदमा न्यायालय में लंबित है। विवादित जमीन को लेकर 4 अगस्त 2021 को 12 बजे दिन में आरोपित ट्रैक्टर लेकर विवादित खेत की जुताई कर रहे थे। इसी दौरान सूचक व उनके परिजन वहां पहुंचे और कोर्ट में मुकदमा का हवाला देकर फैसला आने तक जोताई नहीं करने का आग्रह किया।

इसके बाद दोनों पक्षों में कहासुनी व गाली-गलौज हुई। इसी दौरान आरोपित चिंता देवी के आदेश पर सभी आरोपित अंधाधुंध गोली चलाने लगे। जिससे 5 लोगों की मौत गोली लगने से हो गई थी।

इन लोगों की गयी थी जान

धीरेंद्र यादव, यद्दु यादव, महेश यादव, पिंटू यादव व सिब्बल यादव की गोली लगने से मौत हो गयी। वहीं बिंदा उर्फ वीरेंद्र कुमार, मंटू उर्फ अतुल, मिठू यादव व परशुराम यादव गोली लगने से जख्मी हो गए।

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