Nalanda News: मौर्य काल की कई कहानियां समेटे है मोरा तालाब, दूसरे देश से भी आते हैं लोग; पढ़ें इसका इतिहास
Nalanda News नालंदा के रहुई का मोरा तालाब मौर्य काल की कई कहानियों को समेटे हुए है। इसकी खासियत जानेंगे तो आप एक बार यहां जरूर आना पसंद करेंगे। मोरा तालाब के पास बने मंदिर इसके आकर्षण का बड़ा केंद्र है। यहां मौर्यकालीन इतिहास से जुड़े भगवान भास्कर बुद्ध शिवलिंग माता नंदी की प्रतिमा भी मिली है। इस मंदिर के ठीक एक किलोमीटर दक्षिण दिशा में पंचाने नदी बहती है।
संवाद सूत्र, रहुई (नालंदा)। Nalanda News: नालंदा के रहुई के मोरा तालाब (Mora Talab) की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। इसे मौर्यकालीन माना जाता है। इससे कई कहानियां भी जुड़ी हैं। इसके पुरातात्विक अवशेष भी हैं। तालाब से सटे उत्तर दिशा में ग्रामीणों के सहयोग से बना भगवान भास्कर का मंदिर चांदनी रात में अपनी अद्भुत छटा बिखेरता है।
मंदिर के ऊपर घोड़े की रथ पर सवार भगवान भास्कर की प्रतिमा लोगों को अपनी ओर खासा आकर्षित करती है। यहां मौर्यकालीन इतिहास से जुड़े भगवान भास्कर, बुद्ध, शिवलिंग, माता नंदी की प्रतिमा भी मिली है। इस मंदिर के ठीक एक किलोमीटर दक्षिण दिशा में पंचाने नदी प्रवाहित होती है ।
शिवलिंग से लेकर बुद्ध की मूर्ति आकर्षण का केंद्र
पुरातात्विक अन्वेषण की कमी के कारण मोरा तालाब तथा आसपास के गांवों की संपूर्ण जानकारी अब तक नहीं मिल पायी है। स्थानीय ग्रामीणों ने इस ऐतिहासिक स्थान के अन्वेषण की मांग की है। यहां प्राचीन प्रतिमाओं का मिलना इसके ऐतिहासिक होने की पुष्टि करता है।बता दें कि मंदिर में भगवान भास्कर की प्रतिमा 58 सेंटीमीटर लंबी व 30 सेंटीमीटर चौड़ी है। जबकि बुद्ध की मूर्ति 35 सेंटीमीटर लंबी है। यहां पर 45 सेंटीमीटर शिवलिंग की प्रतिमा के साथ-साथ 40 सेंटीमीटर की नंदी की प्रतिमा भी विराजमान है।
मंदिर का खूबसूरत नजारा चांदनी रात में देखने को मिलती है
इस मंदिर का खूबसूरत नजारा चांदनी रात में देखने को मिलती है। जब चांद की दूधिया रोशनी में यह अपनी अद्भुत छटा बिखेरती नजर आती है। वहीं श्रावणी मेले के समय यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा होता है। यहां विश्राम व स्नान करने के बाद ही वे अपनी यात्रा के लिए बढ़ते हैं।नेपाल से भी बड़ी संख्या में आते हैं लोग
यहां नेपाल से भी बड़ी संख्या में लोगों का आना होता है। इसके अलावे देश के कई राज्यों उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र, बिहार के चंपारण,सीतामढ़ी,गोपालगंज, छपरा,सिवान,आरा ,बक्सर से भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। यहां के सेवा मंडल अध्यक्ष अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि यहां पर आए श्रद्धालुओं को सेवा मंडल की ओर से सुलभ शौचालय, नहाने व पीने का पानी,दवा, खाना बनाने के लिए शेड, रहने के लिए मंदिर के बगल में कमरे की व्यवस्था नि:शुल्क होती है।
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