बिहार में भी अयोध्या में राम मंदिर में हो रही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उल्लास का माहौल है। सोमवार को प्रदेश के नालंदा जिले के बिहार शरीफ में ऐसे ही नजारे देखने को मिले। यहां के मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी रही। इस मौके पर पुलिस-प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए थे।
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ। भावुक हूं ,आनंदित हूं ,मर्यादित हूं, निशब्द हूं! मैं बस राममय हूं! कुछ इस तरह की भावनाएं अपने आराध्य भगवान श्री राम के प्रति सोमवार को शहर में देखने को मिली। सारा शहर पूरी तरह भक्तिमय हो गया। शायद ही शहर का कोई ऐसा मंदिर होगा, जो फूलों से न सजा हो।
अयोध्या में रामलला के विराजमान होने की आतुरता सभी के आंखों में दिख रही थी। हर कदम मंदिर की ओर, आस्था का जनसैलाब, जुवां पर जय श्रीराम।
डॉक्टर्स कॉलोनी स्थित नीलकंठ मंदिर के बाहर जुटे श्रद्धालु।
मंदिरों में पहुंचे श्रद्धालु
घर से लेकर मंदिर तक की सजावट, शहर की फिजा को राममय कर गया। सबसे ज्यादा भीड़ घनेश्वर घाट स्थित हनुमान मंदिर, पुलपर स्थित महावीर मंदिर, अखाड़ा पर स्थित बाबा मनीराम मंदिर, अंबेर स्थित हनुमान मंदिर, भराव पर स्थित दुर्गा मंदिर में देखने को मिली।
मेरी चौखट पे चल के आज, चारों धाम आये हैं, बजाओ ढोल स्वागत में, मेरे घर राम आये हैं के गीत पूरे शहर में गूंज रहे थे, बरसों बाद रामलला जो अपने अयोध्या विराज रहे थे।
भराव पर स्थित दुर्गा मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा।
भोग-मिठाई बांटी
भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में दिन से ही लोगों के घरों में भोग-मिठाई बनना शुरू हो गए। बता दें कि रविवार को घर-घर घी के दीये जलाए गए। कई जगहों पर एलईडी स्क्रीन लगाया गया ताकि अयोध्या से रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण देख सकें।
लोगों ने कहा कि पांच शताब्दी से भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण की प्रतिक्षा कर रहे भक्तों का सपना पूर्ण हुआ। लोगों के आंखों में प्रभु श्रीराम के प्रति दीवानगी देखकर लगा मानो भगवान का जन्म इसी धरती पर हुआ हो।
चप्पे-चप्पे पर जवान और ड्रोन की पैनी नजर
कार्यक्रम के मद्देनजर शहर की सुरक्षा व्यवस्था चुस्त दिखी। डीएम शशांक शुभंकर व एसपी अशोक मिश्रा सुरक्षा व्यवस्था की पूरी मॉनिटरिंग खुद करते दिखें। संवेदनशील जगहों पर मजिस्ट्रेट व पुलिस अधिकारियों की तैनाती दिखी।
ट्रैफिक व्यवस्था से लेकर सुरक्षा व्यवस्था पर एसपी ने बताया कि नालंदा पुलिस के लिए जितनी बड़ी चुनौती है, उतनी ही बड़ी अपॉर्चुनिटी भी है। उन्होंने बताया कि व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है।शहर के एंट्री प्वाइंट से लेकर एक एक मंदिर तक व चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी की जा रही है।
धनेश्वर घाट स्थित हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए एक श्रद्धालु।
प्रभु राम की ही इच्छा थी कि मैं अपनी आंखों से सपने को साकार होता देखूं
अखाड़ा पर न्यास समिति के सचिव अमरकांत भारती ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 को कार सेवक के रूप में मैं भी अयोध्या में मौजूद था। जाति का बंधन सरयुग नदी पर विसर्जित हो चुका था।सभी सनातनी श्रीराम को पाने के लिए आगे बढ़ रहे थे। अचानक प्रशासन ने गोली चला दी। अफरातफरी का माहौल हो गया।
अमरकांत भारती।कई लोग आंखों के सामने दम तोड़ दिए। किसी तरह मैं बच गया, जैसे प्रभु राम की ही इच्छा थी कि मैं अपनी आंखों से सपने को साकार होता देखूं।अब जब 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि पर भगवान राम के भव्य मंदिर में रामलला के नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है तो मुझे अत्याधिक खुशी का अनुभव हो रहा है। विश्वास के साथ लगता है कि मुझे तब भगवान राम ने ही बचाया था।
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