शिक्षा विभाग के हॉलिडे कैलेंडर पर शिक्षक संघ नाराज, कहा- अवकाश तालिका देखकर अंग्रेजी हुकूमत की ताजा हो रही याद
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के अवकाश में बड़ी कटौती कर दी है। इससे शिक्षक संघों में उबाल है। परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक के जिलाध्यक्ष रौशन कुमार ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा के निदेशक द्वारा प्रारंभिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के लिए वर्ष 2024 की अवकाश तालिका में कटौती कर दी गई है। उन्होंने इसे अव्यवहारिक और अन्याय पूर्ण बताया है।
By RAKESH KUMAR (BIRENDRA)Edited By: Prateek JainUpdated: Tue, 28 Nov 2023 05:40 PM (IST)
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के अवकाश में बड़ी कटौती कर दी है। इससे शिक्षक संघों में उबाल है। परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक के जिलाध्यक्ष रौशन कुमार ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा के निदेशक द्वारा प्रारंभिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के लिए वर्ष 2024 की अवकाश तालिका में कटौती कर दी गई है। उन्होंने इसे अव्यवहारिक और अन्याय पूर्ण बताया है।
उन्होंने कहा कि पूर्व से नव वर्ष, मकर संक्रांति, महाशिवरात्रि, श्री रामनवमी, श्रमिक दिवस, रक्षाबंधन, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, तीज, अनंत चतुर्दशी, जीवित पुत्रिका व्रत, गुरु नानक जयंती का अवकाश विद्यालयों में मिलता रहा है। परंतु इस बार इन छुट्टियों को समाप्त कर दिया गया है।
रविवार के छुट्टी वाले त्योहारों की अवकाश में हुई गणना
कई वर्षों से विद्यालयों में कुल 60 दिनों की छुट्टी मिलने की परंपरा रही है। परन्तु इस बार के छुट्टी तालिका में आठ दिन जयंती में शिक्षकों को विद्यालय आना है। भीम राव आंबेडकर जयंती, चेहल्लुम और चित्रगुप्त पूजा की छुट्टी रविवार को है, जिसकी अवकाश में गणना कर ली गई है।ग्रीष्मावकाश में शिक्षकों को विद्यालय आने का आदेश निकला है। गर्मी की छुट्टियां 15 अप्रैल से 15 मई तक कुल 31 दिन निर्धारित है, जिसमें चार रविवार को हटाने से 27 दिन ही शेष बचते हैं, लेकिन 30 दिनों की गणना की गई है।
उन्होंने कहा कि दिखाने के लिए 60 दिनों का अवकाश घोषित है, लेकिन इसमें शिक्षकों को 39 दिन विद्यालय आना होगा। यह शिक्षकों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि यह छुट्टी सचिवालय की छुट्टी तालिका के आधार पर बनाया गया है।
सचिवालय के अधिकारी एवं कर्मी को वर्ष में कुल 33 दिन अर्जित अवकाश मिलता है। जब कि शिक्षकों को मात्र 10 दिन अर्जित अवकाश देय है। शुरू से शिक्षक प्रतिनिधि और अधिकारी एक साथ बैठकर विद्यालय अवकाश तालिका का निर्धारण करते रहे हैं।
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