Traffic Challan Rules: बिहार में अब इस तकनीक से कटेगा चालान; बिना हेलमेट रफ्तार भरने वालों की आएगी शामत
Bihar News परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने निर्देश दिया है कि जिन शहरों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सीसीटीवी कैमरे लगे हैं वहां बिना हेलमेट बाइक चलानेवालों का ई-चालान किया जाए। इसके अलावा अन्य जिलों के चौराहों पर जहां अत्यधिक भीड़-भाड़ रहती है वहां दो-दो चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए जल्द ही टेंडर जारी किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ। राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने निर्देश दिया है कि जिन शहरों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, वहां बिना हेलमेट बाइक व स्कूटी चलाने वालों की उसके फुटेज के आधार पर ई चालान किया जाएगा।
इसके अलावा, अन्य जिलों के चौराहों पर, जहां वाहनों के कारण अत्यधिक भीड़-भाड़ रहती है, वहां दो-दो चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए जल्द ही परिषद द्वारा टेंडर जारी किया जाएगा।
जिला परिवहन पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार दास ने बताया कि सड़क दुर्घटना का शत-प्रतिशत केस बिना हेलमेट बाइक चलाने वाले के कारण बढ़ रहा है। दुर्घटना का अधिकांश शिकार बिना हेलमेट बाइक व स्कूटी चलाने वाले हो रहे हैं। इसी को कम करने के लिए अब बिना हेलमेट वालों पर कार्रवाई सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से ई चालान द्वारा किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि किस चौराहे पर कहां-कहां सीसीटीवी कैमरा लगाना है इस संबंध में परिवहन सचिव ने महानिदेशक यातायात से प्रस्ताव मांगा है।
कहां और कैसे होगी बिना हेलमेट वालों की मॉनीटरिंग?
जिले के अन्य कस्बों में बिहार सड़क सुरक्षा परिषद द्वारा लगाए गए कैमरे के माध्यम से बिना हेलमेट वालों की चालानिंग किया जाएगा। वहीं स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट बिहारशरीफ शहर में चल रहा है, जहां यातायात उल्लंघन करने वालों की निगरानी एवं चालानिंग स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर के लगभग चौराहों एवं तिराहों पर लगे अत्याधुनिक कैमरे के माध्यम से की जाएगी।CCTV कैमरों से ई-चालान के क्या हैं फायदे
सीसीटीवी कैमरे से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की पहचान होगी। यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाने की उनकी आदत में सुधार आएगा। अपराध व आपराधिक गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सकेगा।यही नहीं सीसीटीवी कैमरों में एकत्रित डाटा से यातायात के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने में सहूलियत होगी। यातायात प्रबंधन में सुधार आएगा।
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