Bihar Jamin Survey: बस एक कागज की दरकार! जमीन मालिकों को काटने पड़ रहे कार्यालयों के चक्कर, सर्वे में फंस सकती है बात
Bihar Land Survey बिहार में जमीन सर्वे को लेकर भूमि मालिकों (Land Owner) को आए दिन किसी तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब एक कागज की वजह से जमीन मालिकों को डीसीएलआर ऑफिस से लेकर ब्लॉक तक के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। अगर प्रक्रिया पूरी नहीं हुई तो सर्वे के दौरान बात फंस सकती है।
संवाद सहयोगी, वारिसलीगंज (नवादा)। वारिसलीगंज प्रखण्ड में सर्वे कार्य की रफ्तार काफी धीमी गति से चल रही है। यह रैयतों के पास कागजातों की कमी कारण हो रहा है। हर जमीन मालिक के पास बस एक कागजात की कमी पड़ रही है। वह है दाखिल-खारिज की।
दरअसल, कई जमीन मालिकों को खाता खेसरा में हुई गड़बड़ी को लेकर अंचल कार्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा है। दूसरी ओर, बिचौलिए भी पीछे से दौड़ लगा रहे हैं। खतियान की नकल प्राप्त करने के लिए वे नवादा में ब्लॉक में लगातार आवाजाही कर रहे हैं।
ऐसे में बिचौलियों की भाग दौड़ भी बढ़ गई है। ऐसे में जो रैयत खुद भाग दौड़ नहीं करना चाहते हैं, उनका अंचल कार्यालय से लेकर डीसीएलआर या फिर उपसमाहर्ता स्तर के कार्य को बिचौलियों द्वारा आसानी से करवा लेने की बात सामने आ रही है।
दूसरी ओर, ग्रामीण क्षेत्र के संयुक्त परिवारों द्वारा अपनी जमीन को पंचायती के माध्यम से बंटवारा कर अखौता (अलग-अलग भूमि की सूची) तो बना लिया गया है, लेकिन दाखिल खारिज नहीं करवाने के कारण उनको परेशानी हो रही है।
स्थानीय अंचल कार्यालय में आवेदन के बाद कोई न कोई कमी बता कर दाखिल वाद को अस्वीकृत कर दिया जा रहा है।
बेवजह लोगों को किया जा रहा परेशान
इस बाबत मकनपुर ग्रामीण रैयत अशोक सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी जमीन में से कुछ भाग अपनी पत्नी मीना देवी के नाम स्थानांतरित करने का आवेदन करीब चार माह पहले दिया था। जिसे बेवजह अस्वीकृत कर परेशान किया जा रहा है।
वहीं, दर्जनों किसानों की रैयती भूमि का डेटा अपडेट (परिमार्जन) नहीं हुआ है। ऐसे रैयत कर्मचारियों के द्वारा बहाल निजी सचिवों के निकट हाजरी लगा रहे हैं।
मकनपुर मौजा में सर्वे कार्य को ले नियुक्त कानूनगो मो. सिकंदर आजम ने बताया कि वारिसलीगंज अंचल में सर्वे कार्य से पहले सभी 75 मौजा में रैयतों के साथ बैठक कर सर्वे के लिए आवश्यक कागजातों के संबंध की जानकारी शेयर किया जा चुका है।
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