चार दिवसीय लोकआस्था का महापर्व छठ गुरुवार से प्रारंभ हो गया। चार दिनों तक चलने वाले इस अनुष्ठान के पहले दिन तमाम व्रतियों ने नहाय-खाय किया। सुबह में व्रतियों ने आस-पास के सरोवरों में पवित्र स्नान करने के बाद भगवान सूर्य की पूजा की। इस क्रम में व्रतियों ने नदी-तालाबों पर पवित्र स्नान के क्रम में ही सूर्य भगवान का ध्यान किया। साथ ही कामना किया कि छठ व्रत को अच्छी तरह से पार लगाने की साहस दें।
By JagranEdited By: Updated: Sun, 03 Nov 2019 06:38 AM (IST)
चार दिवसीय लोकआस्था का महापर्व छठ गुरुवार से प्रारंभ हो गया। चार दिनों तक चलने वाले इस अनुष्ठान के पहले दिन तमाम व्रतियों ने नहाय-खाय किया। सुबह में व्रतियों ने आस-पास के सरोवरों में पवित्र स्नान करने के बाद भगवान सूर्य की पूजा की। इस क्रम में व्रतियों ने नदी-तालाबों पर पवित्र स्नान के क्रम में ही सूर्य भगवान का ध्यान किया। साथ ही कामना किया कि छठ व्रत को अच्छी तरह से पार लगाने की साहस दें।
नहाय-खाय का स्नान करने के लिए कादिरगंज सकरी नदी, मिर्जापुर सूर्य मंदिर खुरी नदी, शोभिया मंदिर तालाब आदि जगहों पर सुबह में व्रतियों की भीड़ दिखी। घर आकर व्रतियों ने पूरे पवित्र भाव से नहाय-खाय का प्रसाद बनाया। इस काम में घर की दूसरी महिलाओं ने सहयोग किया। प्रसाद के रूप में चावल, कद्दू, चना दाल, लाल साग बनाई गई। व्रतियों ने इन सभी चीजों को भगवान को भोग लगाने के बाद प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। इसके पश्चात घर के सभी लोगों ने नहाय-खाय का प्रसाद लिया। दूसरी ओर, शुक्रवार को छठ पूजा के दूसरे दिन लोहंडा का व्रत किया जाएगा। तमाम व्रति पूरे दिन उपवास रहकर संध्या में पूजन के पश्चात लोहंडा का प्रसाद ग्रहण करेंगे।
-------------- छठी मइया के गीतों से घर-आंगन हो रहे गुलजार छठ पूजा को लेकर बाजार से लेकर घर-आंगन तक गुलजार हो उठा है। नवादा नगर में बाजार में भी जगह-जगह साज-सजावट की गई है। व्रतियों के घरों में सुबह से शाम तक छठ मइया के परंपरागत गीत माहौल को पूरी तरह से भक्तिमय बनाए हुए हैं। व्रतियों के घरों में श्रद्धालुओं का आने का सिलसिला जारी है। कई परिवार के लोग भी व्रतियों की सेवा भाव को लेकर अपने रिश्तेदार के यहां पहुंच रहे हैं।
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बाजार में सूर्य देव के लिए उतारा गया गन्ना, फल मंडी में रौनक
बाजार में सूर्यदेव की पूजा और अर्घ्यदान के लिए अभी से फल मंडी रौनक हो उठी है। बाजार में गन्ना बिक रहा है। सेव, केला, अनार, नास्पाती, नारियल, संतरा, बताशा आदि भी बिक रहे हैं। गुरुवार को प्रजातंत्र चौक से लेकर कलेक्ट्रेट गेट तक अनेक गन्ना फुटपाथी दुकानें सजी हुई थी। जहां लोग पूजा में इस्तेमाल के लिए गन्ना की खरीदारी करते दिखे। ------------ पैकेजिग-वन मिर्जापुर खुरी नदी में बनाया जा रहा चैनल घाट, डायवर्सन के लिए मिट्टी भराई हुआ -मिर्जापुर छठ घाट खुरी नदी में तीन चैनल बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। नगर परिषद के जेसीबी से अलग-अलग चैनल बनाया जा रहा है। इस काम को बारिकी से कराने में पूर्व चेयरमैन संजय कुमार, पूर्व वार्ड पार्षद राजेश कुमार मुरारी लगे हुए हैं। शुक्रवार को शाम तक चैनल निर्माण का काम पूरा कर लिया जाएगा। इधर, रेलवे पुल के पूर्व दिशा में ह्यूम पाइप डालकर डायवर्सन बनाने का काम शुरू हो गया है। मिट्टी भराई का काम किया जा चुका है। शुक्रवार की शाम तक डायवर्सन कंपलिट हो जाएगा। इसके उपर व्रतियों की सुविधा के लिए लाइटिग भी की जानी है। राजेश कुमार मुरारी ने कहा कि मिर्जापुर सूर्य मंदिर छठ घाट पर साफ-सफाई का काम पूरा कर लिया गया है। चैनल भी बनाया जा रहा है। इस बार नया काम के रूप में डायवर्सन बनाया जा रहा है। इससे उसपार की ओर से आने वाले लोगों को लाभ होगा। इस पूरे काम को देखने के लिए नगर परिषद के एक्सक्यूटिव देवेंद्र सुमन गुरुवार को मिर्जापुर सूर्यमंदिर धाम पहुंचे। यहां चल रहे काम को देखने के लिए नगर परिषद चेयरमैन प्रतिनिधि रविशंकर शास्त्री, सत्येंद्र कुमार राय, बजरंग दल के जितेंद्र प्रताप जीतू व अन्य लोग पहुंचे थे। ------------ पैकेजिग-टू अतुलनीय शक्तियां प्रदान करते हैं भगवान सूर्य : दिव्यांशु पाठक जासं, नवादा: लोकआस्था का महापर्व छठ अपने आप में अद्वितीय है। शास्त्रों में उल्लेख किया गया है कि जो मनुष्य भगवान सूर्य की आराधना करते हैं उनकी मनोरथ अवश्य पूर्ण होती है। चाहे वह मनोकामना अखंड साम्राज्य की हो या संतान की। बेहतर स्वास्थ्य की हो या शत्रु पर विजय की। छठ पर्व पर इन बातों की जानकारी देते हुए नवादा के ज्योतिषविद दिव्यांशु शेखर पाठक ने कहा कि ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रह मंडल का राजा कहा गया है। इनका अधिकार पूर्णरूपेण आत्मा पर होता है। इसलिए जो लोग आत्मज्ञान की प्राप्ती करना चाहते हैं उन्हें भगवान सूर्य की अराधना अवश्य करनी चाहिए। महान आत्मज्ञानी भगवान श्री कृष्ण, भगवान राम, परशुराम, ऋषि पराशर व वाराह मिहिर आदि सूर्य उपासक रहे हैं। तंत्र एवं कुंडलिनी जागृति का विज्ञान भी सूर्य उपासना पर विशेष बल देता है। क्योंकि मूलाधार चक्र कि जो ऊर्जा है वह सूर्य की ऊर्जा पर ही आधारित है। जो हमारे शरीर में जागृति के बाद अमृत की उत्पत्ति करता है। हमें अतुलनीय सिद्धि प्रदान कर अमर बना देता है। ----- जन्म कुंडली में सूर्य का शुभ-अशुभ होना एवं उसका प्रभाव शुभ: जिन लोगों की कुंडली में सूर्य की स्थिति शुभ होती है जैसे सूर्य, मेष, सिंह राशि या धनु राशि में बलवान होकर स्थित होता है। उस पर पाप ग्रहों की ²ष्टि ना हो तो ऐसे लोग अपने जीवन में काफी यश प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं। रोग व्याधि उन्हें ज्यादा परेशान नहीं करती है। ------ अशुभ: जिनकी कुंडली में सूर्य अशुभ हों जैसे पाप ग्रहों के साथ हो अपने नीच राशि तुला में हो एवं अशुभ स्थान में हो तो ऐसे लोग गलत इंसान की संगति के कारण अपमान उठाते हैं। रोग व्याधि से पीड़ित रहते हैं। शत्रु से विशेष तौर पर परेशानी होती है।
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