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Bihar Politics: क्या बिहार में 'वामपंथ' फिर से जमा रहा पैर, नवादा से शुरू होने जा रही 'बिहार बदलो न्याय यात्रा'

भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बिहार में नफरत की राजनीति करने वालों को एकजुट होकर जवाब देने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों मजदूरों और किसानों के नाम पर वादे करती है लेकिन उन्हें पूरा नहीं करती। उन्होंने कृष्णा नगर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि यह गरीबों को उजाड़ने की साजिश है।

By vinay kumar pandey Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Wed, 16 Oct 2024 03:59 PM (IST)
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बिहार बदलो न्याय यात्रा से पहले दीपांकर भट्टाचार्ट ने भरी हुंकार

जागरण संवाददाता, नवादा। Bihar Political News: गरीबी की कोई जाति नहीं होती। इनका कोई मजहब नहीं होता। ये गरीब परिवार अपने बाल-बच्चों के लिए जीतोड़ मेहनत करते हैं। लाचारी और विवशता के बीच अपनी जिंदगी जीते हैं। सरकार इन्हीं गरीब, मजदूर, किसानों के नाम पर लोक लुभावन वायदे कर अपनी राजनीति करती है। जो वायदे किए जाते उसे पूरा करने में सरकार हिचकती है।

राज्य सरकार ने बिहार के 94 लाख गरीब परिवाराें को जो दो-दो लाख रुपये देने का वायदा किया वह अब तक पूरा नहीं हुआ। वर्षों से जमीन पर रह रहे हजारों गरीबों को अब तक उस जमीन का पर्चा नहीं दिया गया। उल्टे नवादा में कृष्णा नगर जैसी घटनाएं सामने आती हैं। जहां कई गरीबों की झोपड़ियों में आग लगा दी जाती है। यह उन गरीबों को वहां से उजाड़ने की साजिश है।

सरकार जमीन सर्वे के बहाने गरीबों, किसानों को परेशान कर रही है। उक्त बातें भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बुधवार को नवादा में कहीं। नगर के आंबेडकर पार्क में संविधान निर्माता डा. भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद वह बदलो बिहार न्याय यात्रा के शुभारंभ मौके पर जनसंवाद कर रहे थे। बीजेपी के कुछ नेताओं द्वारा शुरू किए गए यात्रा को नफरत की राजनीति बताया।

उन्होंने कहा कि इनके कई नेता जाति, मजहब के नाम पर राजनीति करते हैं। ऐसे में बिहार के गरीब, मजदूर, किसान सभी संगठित और एकजुट हो जाएं। नफरत की राजनीति करने वाले नेताओं के मंसूबों को पूरा नहीं होने देना है। इस दौरान मगध जोन के प्रभारी अमर, एमएलसी शशि यादव, अरवल के विधायक महानंद सिंह, फुलवारी के विधायक गोपाल रविदास और घोसी के विधायक रामबली सिंह यादव समेत पार्टी के कई वरीय नेता उपस्थित थे।

सैकड़ों लोग लाल झंडा लेकर पैदल यात्रा में हुए शामिल

नवादा नगर से शुरू हुई यात्रा में शहर समेत गांव-कस्बे से आए सैकड़ों लोग शामिल हुए। इनमें युवा, बुजुर्ग, महिलाएं, नौजवान सभी शामिल हैं। पहले दिन की यात्रा नवादा जिले में अलग-अलग हिस्सों से होकर आगे की ओर बढ़ी। यह न्याय यात्रा नवादा, हिसुआ, मंझवे के रास्ते गया के वजीरगंज से होकर गया, टिकारी, कुर्था, अरवल, जहानाबाद, मसौढ़ी के रास्ते पटना पहुंचकर पूरी होगी। इसी तरह से अलग-अलग प्रमंडल क्षेत्र में पार्टी के दूसरे वरीय नेताओं की अगुआई में यह न्याय यात्रा पूरी होगी।

भाकपा माले की न्याय यात्रा इन जोन में

जोन            रूट

मगध-       नवादा से पटना

शाहाबाद-  भभुआ से आरा

तिरहूत-   भितिहरवा से मुज्जफरपुर

मिथिला-  बेनीपट्टी से विभूतिपुर

सारण-    कटेया से छपरा तक

बिहार बदलो न्याय यात्रा के मुद्दे

  • सरकारी वादा के अनुसार तमाम गरीबों को 2 लाख रु., पांच डिसमिल आवास भूमि और पक्का मकान की गारंटी करो।
  •  दलित-गरीब-महिलाओं-अल्पसंख्यकों पर जारी हिंसा पर रोक लगाओ
  •  स्मार्ट मीटर लगवाने की अनिवार्यता खत्म करो, बिजली की दर आधी करो, कृषि कार्य व गरीबों के लिए 200 यूनिट मुफ्त बिजली दो।
  •  बाढ़ पीड़ितों के लिए तत्काल राहत की व्यवस्था करो, किसानों को 50 हजार रु. प्रति एकड़ फसल क्षति मुआवजा दो।
  •  10 लाख से ज्यादा स्कीम वर्कर्स को केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई मजदूरी दर के मुताबिक पारिश्रमिक/मानदेय की गारंटी दो
  •  बिहार में आरक्षण वृद्धि को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल करो 

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