Nawada: फेक नियोजन पत्र वायरल! कोर्ट आदेश का हवाला देकर विद्यालय में जॉइनिंग के लिए पहुंच रहे हैं फर्जी शिक्षक
नवादा जिले में कोर्ट के निर्देश का हवाला देकर फर्जी शिक्षक प्रधानाध्यापकों से संपर्क साध रहे हैं। एक शिक्षक बहाली पर छह लाख रुपये लिए जा रहे हैं। जॉइनिंग लेटर देने से पहले ठग इच्छुक उम्मीदवारों से दो लाख रुपये ले रहे हैं। बाकी के पैसों की डिमांड जॉइनिंग के बाद की जा रही है। कोर्ट के आदेश का हवाला देकर फर्जी शिक्षक नियोजन के लिए पहुंच रहे हैं।
By Pawan SinghEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Sat, 26 Aug 2023 10:44 AM (IST)
संवाद सूत्र, रजौली (नवादा) : रजौली प्रखंड क्षेत्र में फर्जी शिक्षक कोर्ट के निर्देश का हवाला देकर नियोजन पत्र लेकर प्रधानाध्यापकों से संपर्क साध रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इस तरह से एक शिक्षक बहाली पर छह लाख रुपये लिए जा रहे हैं।
कोर्ट आदेश का हवाला देकर फर्जीवाड़ा
इसमें से दो लाख रुपये एडवांस लेकर नियोजन पत्र दिया जा रहा है, बाकी रुपये ज्वाइन कराने के बाद देने की बात कह दलाल लोगों से ठगी करने में लगे हैं। इस बार फर्जीवाड़ा कोर्ट आदेश के अनुपालन का हवाला देकर किया जा रहा है।
पारित आदेश एवं जिला शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार के निर्देश के आलोक में बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक नियमावली 2008 के अनुसार बेसिक ग्रेड के अप्रशिक्षित, प्रशिक्षित सामान्य,शारीरिक एवं उर्दू के लिए प्रखंड शिक्षक के पद पर नियोजन करने की बात कही जा रही है।
30 दिनों के भीतर स्कूल में जॉइन करने की बात
नियोजन पत्र में यह भी कहा जा रहा है कि नियोजन स्वीकार हो तो शैक्षणिक प्रमाण पत्र की मूल प्रति, चिकित्सा प्रमाण पत्र आदि के साथ 30 दिनों के अंदर संबंधित विद्यालयों में योगदान करें। निश्चित समय सीमा के अंदर योगदान नहीं करने पर माना जाएगा कि अभ्यर्थी को नियोजन स्वीकार नहीं है।
भविष्य में प्रमाण पत्र गलत अथवा गैरकानूनी पाए जाने पर नियोजन रद्द करते हुए भारतीय दंड संहिता के सुसंगत धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई करने की भी बात नियोजन पत्र में है।
इतना ही नहीं नियोजन पत्र पर प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी सह कार्यपालक पदाधिकारी (पंचायत समिति) का हस्ताक्षर एवं मोहर भी लगा है। इससे स्कूलों के प्रधानाध्यापकों में भ्रम की स्थिति बन रही है।रजौली प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मालियातरी के प्रधानाध्यापक मनोज कुमार ने बताया कि गुरुवार को उनके स्कूल में अरूण कुमार नामक व्यक्ति नियोजन पत्र लेकर पहुंचे। उनसे पूछा गया कि चयन पत्र कैसे प्राप्त हुआ तो उन्होंने बताया कि कोर्ट के आदेश पर प्रखंड नियोजन इकाई की ओर से नियोजन पत्र दिया गया है।
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