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Surya Grahan 2023: साल का पहला सूर्य ग्रहण आज, भारत में नहीं दिखेगा, कब लगेगा सूतककाल?

Surya Grahan 2023 April साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगने जा रहा है। यह सूर्यग्रहण संकर या हाइब्रिड किस्म का होगा। यह दुर्लभ नजारा आसमान में दिखने वाला है। हालांकि यह ग्रहण भारत में नहीं नजर आएगा। इसका सूतककाल भी मान्य नहीं होगा।

By Pawan SinghEdited By: Yogesh SahuUpdated: Thu, 20 Apr 2023 06:04 AM (IST)
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साल का पहला सूर्य ग्रहण आज, भारत में नहीं होगा दृश्यमान
संवाद सूत्र, रजौली (नवादा)। surya grahan kab hai 2023 India Time साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगने जा रहा है। यह सूर्यग्रहण संकर या हाइब्रिड किस्म का होगा। यह दुर्लभ नजारा आसमान में दिखने वाला है। हालांकि, यह ग्रहण भारत में नहीं नजर आएगा।

प्राय: मान्यता है कि ग्रहण के दौरान सूतककाल होता है, जिसमें कुछ तरह की सावधानियां बरतनी होती हैं। मसलन सूतककाल के दौरान खाना नहीं खाना, पानी के पात्रों को ढंककर रखना होता है।

गर्भवतियों को भी इस दौरान कुछ सावधानियां बरतने के लिए कहा जाता है। आइए जानते हैं बिहार के विद्वान पंडित इस संबंध में क्या कुछ कहते हैं।

नवादा जिला प्रखंड क्षेत्र के डीह रजौली निवासी ज्योतिषविद् पंडित वेद मूर्ति शास्त्री कहते हैं कि सूर्य ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है।

साल का पहला हाईब्रिड सूर्य ग्रहण

उन्होंने कहा कि यह साल का पहला हाईब्रिड सूर्य ग्रहण है। यह भारत में दृश्यमान नहीं होगा। ऐसे में इसके लिए कोई सुत्तक पात्तक मान्य नहीं होंगे।

उन्होंने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में भी ग्रहण को विशेष महत्व दिया गया है। धार्मिक रूप से सूर्य ग्रहण को शुभ घटना नहीं माना जाता है।

यह उस समय होता है, जब सूर्य के ऊपर राहु का अत्यधिक प्रभाव बढ़ जाता है और सूर्य राहु से ग्रस्त हो जाता है। सूर्य ग्रहण व चंद्र ग्रहण आदि की वैज्ञानिक मान्यता भी है। साल का पहला सूर्य ग्रहण गुरुवार को लगेगा।

5 घंटे 24 मिनट का होगा सूर्य ग्रहण

ग्रहण की बात चलने पर सबसे पहला सवाल दिमाग में यही आता है कि 2023 में पहला सूर्य ग्रहण कब लगेगा?  इस सवाल का जवाब है कि इस सूर्य ग्रहण की अवधि सुबह 7 बजकर 4 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट तक होगी।

हालांकि, यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा और ना ही भारत में रहने वाले लोगों पर इसका कोई कुप्रभाव पड़ेगा।

क्यों कहा जा रहा हाईब्रिड सूर्य ग्रहण? शुभ रहेगा या अशुभ

वैशाख अमावस्या पर इस बार एक ही दिन में तीन सूर्य ग्रहण दिखेंगे। जिसे वैज्ञानिकों ने हाईब्रिड सूर्य ग्रहण का नाम दिया है। यह सूर्य ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगने जा रहा है।

यह मेष राशि में 19 साल बाद लगने जा रहा है। लगभग सभी राशियों के जातक के लिए यह सूर्य ग्रहण अशुभ ही रहने वाला है।

कब लगता है ग्रहण का सूतक या सुत्तक?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पहले सुत्तक व चंद्र ग्रहण में 9 घंटा पहले सुत्तक लग जाता है। इस समय पूजा पाठ मंदिर का कपाट आदि बंद रहते हैं।

इस साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण सिंगापुर, थाईलैंड, ताइवान, मलेशिया, फिजी, जापान, कंबोडिया, चीन, अमेरिका, इंडोनेशिया, सोलोमन, बरूनी, अंटार्कटिका, आस्ट्रेलिया, दक्षिण हिंद महासागर, दक्षिण प्रशांत महासागर न्यूजीलैंड, वियतनाम और फिलीपींस जैसे देशों में दिखाई देगा।

यहां रहने वाले लोगों के लिए सुत्तक पात्तक मान्य होंगे। विशेषकर गर्भवतियों एवं अन्य महिलाओं-पुरुषों का ग्रहण काल की अवधि में भोजन, शयन, सहवास आदि से दूरी बनाना ही श्रेयस्कर रहेगा। उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया के शहर एक्समाऊथ में सूर्य ग्रहण का असर सबसे ज्यादा रहेगा।

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