रोह के संदीप ने बनाया बिना डीजल-पानी का चलने वाला जेनरेटर
(नवादा) : रोह बाजार के खलीफा टोला निवासी महादलित परिवार से आने वाले रंजीत दास के 25 वर्षी
By JagranEdited By: Updated: Sat, 03 Feb 2018 11:19 AM (IST)
(नवादा) : रोह बाजार के खलीफा टोला निवासी महादलित परिवार से आने वाले रंजीत दास के 25 वर्षीय पुत्र संदीप कुमार ने बगैर ईंधन से परिचालित जेनरेटर का निर्माण किया है। छह भाई-बहनों में सबसे छोटा व बीकॉम से स्नातक संदीप के इस सफल प्रयोग की सर्वत्र चर्चा हो रही है। रोह के लोग फूले नहीं समा रहे हैं। जेनरेटर में डीजल -पेट्रोल और पानी की भी जरूरत नहीं है।
------------------ क्या है तकनीक -संदीप ने बताया कि इसके निर्माण में बारह वोल्ट का चार बैट्री, डायनमो व इसका चाल बढ़ाने के लिए गियर बॉक्स लगाया गया है। इस जनरेटर की क्षमता 5 किलोवाट की है। एक बार चालू करने पर लगातार 10 घंटे तक आसानी से चलता है। इसके निर्माण पर करीब एक लाख साठ हजार रुपये का लागत आया है। निर्माण में छह माह का समय लगा। जेनरेटर ढ़ाई फीट चौड़ा व साढ़े चार फीट उंचा है। इसकी साइज को छोटा करने की भी गुंजाइश है।
---------------------- दोस्त ने की आर्थिक मदद
- गरीबी में पले बढ़े संदीप कुशाग्र बुद्धि के हैं। वे बताते हैं कि इस जेनरेटर के निर्माण में हमारे परिवार वालों के अलावा सबसे अधिक भूमिका हमारे मित्र पप्पू भैया की रही। जिन्होंने न सिर्फ हौसला बढ़ाया बल्कि भरपूर आर्थिक सहायता भी की। उनके कारण ही आज यह प्रयोग सफल हुआ है।
---------------- थ्री इडियट फिल्म से मिली प्रेरणा -संदीप बताते हैं कि आमिर खान की थ्री इडियट ़िफल्म ने सोच बदली। उसने सबसे अगल हटकर कुछ नया करने की सोच दी। थ्री इडियट में आमिर खान ने कहा था कि आदमी को जिस चीज में मन लगता है उसे वही काम करना चाहिए। इससे उस व्यक्ति को न सिर्फ काम में सफलता मिलती है, बल्कि कुछ नया भी करता है। फिल्म का देखने के बाद से ही मैंने कुछ कर गुजरने की सोची और उसका परिणाम सामने है। --------------------- लोग समझते थे सिरफिरा - संदीप जब लोगों को इस जेनरेटर के बारे में बताते थे तो लोगों को यकीन नहीं होता था। उसके पिता ने भी कहा कि ऐसा संभव ही नहीं है कि बिना ईधन के जेनरेटर संचालित हो सके। परन्तु संदीप ने हार नहीं मानी। ------------------- स्नातक तक ली है शिक्षा - संदीप ने प्रारंभिक शिक्षा जोसेफ स्कूल नवादा से प्राप्त की। उसके बाद उच्च विद्यालय रोह से मैट्रिक तथा बाद की उच्च शिक्षा सीताराम साहू कॉलेज नवादा से प्राप्त किया। इसके बाद प्राइवेट स्कूलों व दुकान में मेहनत-मजदूरी कर जीवीकोपार्जन कर परिवार चला रहे हैं। अगर यह मॉडल वैज्ञानिकों के नजर में सही रहा तो इस परिवार की किस्मत बदल सकती है। --------------------- घर पर लग रही भीड़ -लोगों को बिना ईधन से परिचालित जेनरेटर निर्माण की खबर मिली तो उसके घर पर लोगों की भीड़ लग गई। लोग उसे बधाई दे रहे हैं। साथ ही जेनरेटर को भी देख-परख रहे हैं। प्रारंभ में उसने एक किलो वाट का पंप सेट, एक हजार बाट का हैलोजन, पांच सौ बाट के बल्व के अलावा ग्रिल कटर एक साथ चलाकर लोगों को दिखाया।
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