Move to Jagran APP

Bihar Cricket News: नवादा के 4 साल के अभिषेक वर्मा को क्रिकेट का जुनून, हेलमेट व पैड बांधकर लगाते हैं स्वीप शाट

Nawada News नवादा जिले के मेसकौर प्रखंड के लक्ष्मण बीघा गांव में एक चार साल के बच्चे के क्रिकेट की प्रतिभा की चर्चा अभी से सभी जगह हो रही है। अभिषेक वर्मा नाम का यह बालक प्रतिदिन अपने बड़े भाई और पिता के साथ क्रिकेट मैदान में जाकर घंटों तक लगातार बल्लेबाजी करता है। उनकी बल्लेबाजी को देखकर लोग विराट कोहली एवं ईशान किशन से लोग तुलना करने लगे हैं।

By Ajay Kumar Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Wed, 04 Sep 2024 03:47 PM (IST)
Hero Image
नवादा के 4 साल के अभिषेक क्रिकेट खेलते हुए (जागरण)
संवाद सूत्र, मेसकौर ( नवादा)। Nawada News: नवादा जिले के मेसकौर प्रखंड की गिनती भले ही पिछड़े प्रखंडों में होती है। परंतु यहां प्रतिभा की कमी नहीं है। छोटी उम्र से ही प्रतिभा दिखने लगती है। चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो, गायन या फिर खेल का क्षेत्र हो। सभी जगह मेसकौर ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। इसी कड़ी में प्रखंड क्षेत्र के बिसिआईत पंचायत के लक्ष्मण बीघा गांव में एक चार साल के बच्चे के क्रिकेट की प्रतिभा की चर्चा अभी से सभी जगह हो रही है। दैनिक जागरण की टीम पड़ताल करने के लिए नन्हें क्रिकेटर के पास पहुंची। जहां अभिषेक वर्मा नाम के चार साल का बालक रहता है।

अभिषेक को क्रिकेट की ऐसी जुनून सवार है कि प्रतिदिन अपने बड़े भाई और पिता के साथ क्रिकेट मैदान में जाकर घंटों तक लगातार बल्लेबाजी करता है। उनकी बल्लेबाजी को देखकर लोग विराट कोहली एवं ईशान किशन से लोग तुलना करने लगे हैं। यह छोटा सा बालक भले ही अपना अच्छा से नहीं बताता हो लेकिन क्रिकेट के सभी किट के नामों को अच्छी तरह से बोल और पहचान लेता है। जैसे हेलमेट, ग्लास, पैड, एडी सहित खेल में उपयोग होने वाले सभी सामग्री को नाम बता देता है। यह बच्चा अभी से ही प्लास्टिक बाल , सिंथेटिक बाल, और ड्यूज बाल से प्रैक्टिस करता है। इसके अभिभावक की मानें तो यह बड़ा होकर क्रिकेटर बनना चाहता है।

सीतामढ़ी मेला में पहली बार जिद करके खरीदी बैट-बॉल, पिता को पसंद है अपने बेटे का दनादन शाट

अभिषेक वर्मा के पिता संतोष वर्मा ने बताया कि हमारे प्रखंड क्षेत्र के सीतामढ़ी में अगहन पूर्णिमा के अवसर पर प्रत्येक वर्ष मेला का आयोजन होता है। बीते साल के मेले में संतोष वर्मा और उनके दोनों पुत्र साथ में मेला देखने गए थे। जहां तरह-तरह का खिलौना बिक रहा था। उस दिन अभिषेक वर्मा ने बैट बाल ही खरीदने की ज़िद करने लगे। जिसके बाद पिता संतोष वर्मा ने उसे बैट बाल खरीद कर दी।

उसके बाद घर पर आकर बैट बॉल में वह रुचि दिखाने लगा। पिता ने क्रिकेट की दीवानगी को देखते हुए किसी तरह से दो महीने पहले क्रिकेट किट की व्यवस्था करवा दी। तब से वह हर दिन क्रिकेट के कई शब्दों जैसे फूल शाट, कवर ड्राइव, आफ साइड, स्वीप करके सभी शाट खेल कर दिखा देते हैं।

पिता संतोष वर्मा ने बताया कि बच्चा में क्रिकेट का जुनून है। इसलिए क्रिकेट क्लब गया मे नामांकन भी करवा दिया हूं । उन्होंने कहा कि मैं एक साधारण किसान हूं। इसलिए उतना पैसा तो मेरे पास नहीं है कि बड़े क्रिकेट क्लब में नामांकन करवा सकूं। लेकिन वह चाहेंगे कि उनका बेटा बड़ा होकर एक बड़ा क्रिकेटर बने और देश के लिए बेहतरीन खेल का प्रदर्शन कर सके।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।