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Nawada News: पत्नी की डेड बॉडी को खटिया पर लादकर लाया घर, भावुक कर देगा दर्दनाक वाकया, सिस्टम की लापरवाही आई सामने

Nawada News नवादा के रजौली प्रखण्ड क्षेत्र के नक्सल प्रभावित गांव चपहेल में बुनियादी सुविधाओं की कमी है जिसमें सड़क और पुल नहीं होने से आवागमन में परेशानी होती है। हाल ही में एक महिला की मौत के बाद उसके शव को खटिया पर लादकर नदी पार करना पड़ा क्योंकि एम्बुलेंस चालक नदी को पार करने से मना कर दिया था।

By vinay kumar pandey Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Wed, 18 Sep 2024 01:54 PM (IST)
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नवादा में दर्दनाक कहानी आई सामने (जागरण)

संवाद सूत्र, रजौली (नवादा)। Nawada News: नवादा के रजौली प्रखण्ड क्षेत्र के नक्सल प्रभावित कई गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। धमनी पंचायत का चपहेल गांव उनमें से एक है। यहां एक अच्छी सड़क और पुल तक नहीं बन सकी है। इससे आवागमन की बड़ी समस्या है।

पत्नी के शव को खटिया पर टांगकर लाया घर

इलाके में बीते चार दिनों तक हुई वर्षा के बाद खुरी नदी उफान पर रही। नदी में तेज बहाव लोगों को इस पार से उस पार होने में डराता रहा। इसी बीच एक ऐसी स्थिति दिखी जिसने सरकारी व्यवस्था को मुंह चिढ़ा दिया।

धमनी पंचायत के चपहेल गांव निवासी सुनील राजवंशी की पत्नी सुखरी देवी की मौत नालन्दा के एक निजी अस्पताल में बीते सोमवार को इलाज के दौरान हो गई। महिला की उम्र करीब 45 साल बताई जाती है।

नदी के बहाव के बीच नहीं जा सकी एम्बुलेंस

मौत के बाद स्वजनों ने मृतका का अंतिम संस्कार के लिए पैतृक गांव चपहेल ले जाने को लेकर एक छोटी एम्बुलेंस किराए पर ली।

जब एंबुलेंस चालक उस महिला के शव को लेकर कुम्हरुआ गांव पहुंचा तो कुम्हरुआ-चपहेल को जोड़ने वाली खुरी नदी में पानी का बहाव तेज था।

इस स्थिति में एम्बुलेंस चालक ने नदी को पार करने से मना कर दिया। नदी की तेज धार से गाड़ी को पार कराना संभव ही नहीं था। ऐसे में मजबूरन महिला के शव को खटिया पर लादकर उनके स्वजनों ने नदी को पार कर घर तक पहुंचे।

गांव में महिला का हुआ अंतिम संस्कार

बाद में गांव में ही महिला का अंतिम संस्कार किया गया। इस पूरे कृत्य का वीडियो गांव के एक ग्रामीण द्वारा बनाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रचारित किया गया।

वीडियो में ग्रामीण युवक कहा रहा है कि इस स्थिति को देखते हुए रजौली के विधायक प्रकाश वीर, नवादा के अशोक कुमार एवं नवादा जिला के सांसद विवेक ठाकुर इस पिछड़े हुए इलाके पर ध्यान दें। इलाके में अच्छी पुल-पुलिया, सड़क की बहुत जरूरत है।

उस ग्रामीण युवक ने स्थानीय पदाधिकारियों का भी इस वीडियो के माध्यम से ध्यान आकृष्ट कराया है। यह बरसाती नदी खुरी की चौड़ाई करीब 500 फीट है।

सामान्य दिनों में यह सूखी रहती है। लेकिन वर्षा होने पर इसमें तेज बहाव हो जाता है। गांव के लोग बताते हैं कि आजादी के बाद से उक्त नदी पर कभी पुल बनी ही नहीं। देखना होगा कि खुरी नदी पर कब तक पुल का निर्माण हो पाता है।

यहां बता दें कि रजौली का जंगल इलाका झारखंड की सीमा से सटता है। अनेक गांव आज भी बगैर सड़क, पुल-पुलिया के हैं।

रजौली मुख्यालय से धनमी गांव की दूरी करीब चार किमी. है। इसके चलते गांव वालों को शहर तक आने-जाने में हर रोज परेशानी होती है।

क्या कहते हैं अधिकारी 

चपहेल इलाके की भौगोलिक स्थिति व ग्रामीणों की बुनियादी सुविधाओं की जानकारी ली जाएगी। जरूरत के अनुसार विभाग के समक्ष पुल-पुलिया बनाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। - संजीव झा, बीडीओ, रजौली प्रखंड।

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