ये जनाब हुए बेरोजगार, तो साइबर क्राइम को बना लिया रोजगार; 15-20 हजार कमाने वालों ने कर डाली लाखों की ठगी
Nawada News कोरोना काल के दौरान सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में तबाही मची थी। लोगों की नौकरियां गई थी। कई परिवारों ने अपनों को खो दिया था। इसी दौरान निजी कंपनियों में 15 से 20 हजार की नौकरी करने वालों ने साइबर क्राइम का रास्ता अपना लिया। धंधे में शामिल अधिकांश युवक कम पढ़े-लिखे हैं जो पहले यूपी महाराष्ट्र आदि प्रदेशो में नौकरी किया करते थे।
संवाद सूत्र, वारिसलीगंज (नवादा)। देश-दुनिया में तबाही मचाने वाला कोरोना वायरस अधिकांश लोगों के लिए अभिशाप साबित हुआ था। कोरोना काल में नौकरी छूटने के बाद घर पहुंचे क्षेत्र के दर्जनों युवकों ने साइबर ठगी को रोजगार बना लिया।
कोरोना के समय रेमडेसिविर इंजेक्शन से लेकर ऑक्सीजन आपूर्ति के नाम पर दिल्ली, हरियाणा के करीब तीन सौ कोरोना पीड़ितों के स्वजन से ऑनलाइन ठगी कर साइबर गिरोह ने लाखों की आमदनी की थी।
ठगी से पहले करते थे 15 से 20 हजार की नौकरी
रविवार को वारिसलीगंज थाना क्षेत्र की चकवाय पंचायत के गोसपुर एवं मोसमा पंचायत के टाटी मीर बीघा से पुलिस छापेमारी में गिरफ्तार अधिकांश ठग पहले मुंबई, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात आदि प्रदेशों की निजी कंपनियों में 15 से 20 हजार की नौकरी करते थे।
नौकरी छूटने पर वे अपने घर पहुंचे और महज 10-15 दिनों के प्रशिक्षण के बाद लाखों की ठगी कर ली। गिरफ्तार ठगों में गोसपुर गांव के संजय मिस्त्री, अमित कुमार, शेखपुरा जिले के पिजड़ी गांव निवासी गोपाल कुमार, संजय कुमार, दीपक कुमार समेत टाटी मीर बीघा गांव से गिरफ्तार जमुई जिले के दीपक कुमार, पूजन कुमार, सरबजीत कुमार आदि शामिल हैं।
ठगों में सेवानिवृत होम गार्ड का हवलदार पुत्र भी शामिल
गोसपुर गांव में ठगों के विरुद्ध हुई छापेमारी के दौरान ठगी के धंधे में लिप्त गिरफ्तार किए गए युवकों में ग्रामीण व सेवानिवृत्त होमगार्ड का पुत्र प्रवीण कुमार भी शामिल है। धंधे में शामिल अधिकांश युवक कम पढ़े-लिखे हैं, जो पहले यूपी, पंजाब, महाराष्ट्र आदि प्रदेशो में गार्ड की नौकरी या मजदूरी किया करते थे।