पिट्ठा दिवस : सदियों से बिहारवासियों को पूस की ठंड से बचा रहा पिट्ठा, ...इसलिए है खास, यह है बनाने की विधि
Pitta Day पूस माह और पिट्ठा। इसके कई नाम हैं। यह खाने में स्वादिष्ट और लाभकारी होता है। पहले के समय प्राकृतिक संसाधनों से ही लोग खुद को चुस्त रखते थे। इसके सेवन से जहां शरीर में गर्माहट आती है वहीं पौष्टिकता व ताजगी प्राप्त होती है। कोरोना काल में भी लोगों ने इसका सेवन किया। इसे बनाना भी काफी आसान है।
कैसे बनता है पिट्ठा
कैसे बनता है पिटठा ?
- पानी उबाल कर उसमें चावल का आटा डालकर गूंथा जाता हैं।
- छोटी-छोटी लोइयां बनाई जाती है।
- गुड़ में तीसी के चूर को मिलाया जाता है।
- गुड़ व तीसी को लोई में भरकर लंबा या गोल करके बनाया जाता है।
- उसे उबलते पानी में डालकर पकाया जाता है।
पौष मास शुरू होते ही बनने लगता है पिट्ठा
पौष्टिकता से भरपूर है पिट्ठा
तीसी के कई फायदें हैं। यह फाइबर, मिनरल्स, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीआक्सीडेंट के गुणों से भरपूर होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ता है। इसी प्रकार खोआ है। यह विटामीन डी, कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत है।क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?
तीसी व बेदाम के कई फायदे हैं। यह फाइबर, मिनरल्स, फैटी एसिड और एंटी आक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है। ठंड के मौसम में पिट्ठा खाने से शरीर गर्म रहता है, पौष्टिक आहार है।- जितेन्द्र कुमार, प्रयोगशाला प्रावैधिकी, सीएचसी नारदीगंज।
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