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KK Pathak: शिक्षा विभाग के इस एक फैसले ने ग्रामीण छात्राओं की बढ़ाई परेशानी! अभिभावक भी मोड़ रहे मुंह

बिहार के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की बिगड़ती स्थिति को दोबारा पटरी पर लाने को लेकर शिक्षा विभाग प्रयास कर रहा है। इस कड़ी में जारी नए नियम के अनुसार पंचायतों की छात्र-छात्राएं अब अपने पंचायत स्थित स्कूलों से प्लस टू तक कि शिक्षा ग्रहण करेंगी। इसके लिए संबंधित विद्यालयों में शिक्षकों को नियुक्ति से लेकर उपस्करों की उपलब्धता कराई जा रही है।

By Ashok Kumar Edited By: Shashank Shekhar Updated: Sun, 07 Apr 2024 03:06 PM (IST)
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KK Pathak: शिक्षा विभाग के इस एक फैसले ने ग्रामीण छात्राओं की बढ़ाई परेशानी! (फाइल फोटो)

संवाद सूत्र, वारिसलीगंज। बिहार के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की बिगड़ती स्थिति को पुनः पटरी पर लाने को लेकर शिक्षा विभाग प्रयास कर रहा है। इस कड़ी में जारी नए नियम के अनुसार, पंचायतों की छात्र-छात्राएं अब अपने पंचायत स्थित स्कूलों से प्लस टू तक की शिक्षा ग्रहण करेंगे।

इसके लिए संबंधित विद्यालयों में शिक्षकों को नियुक्ति से लेकर उपस्करों की उपलब्धता कराई जा रही है। इस क्रम में विभाग द्वारा जारी नए नियम के अनुसार सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को सुविधा होगी। जबकि शहर से निकट के स्कूल वाले ग्रामीण क्षेत्र के छात्र- छात्राओं की परेशानी बढ़ेगी।

वारिसलीगंज प्रखंड के मकनपुर ग्रामीण कुंदन सिंह, मुकेश कुमार, बसंत सिंह, संजय कुमार, सुनील, सरोज रविदास आदि अविभावकों का कहना है कि नए नियम का ग्रामीण क्षेत्र के वैसे बच्चों को लाभ मिलेगा। जिन्हें लंबी दूरी तय कर शहरी स्कूलों को पढ़ाई के लिए जाना पड़ता था।

नए नियम पर अभिभावकों ने क्या कहा 

नए नियम के अनुसार, वारिसलीगंज के मकनपुर गांव के बच्चों खासकर छात्राओं को गांव से महज एक किलोमीटर दूरी पर नगर परिषद स्थित प्रोजेक्ट बंदी शंकर बालिका इंटर विद्यालय में पढ़ाई करती थी। उन्हें अब आठवीं के बाद की शिक्षा ग्रहण करने के लिए पांच किलोमीटर दूर खुला रेलवे क्रॉसिंग पारकर पंचायत के मसूदा गांव स्थित उच्चतर माध्यमिक एवं इंटर स्कूल जाना पड़ेगा।

छात्राओं को उक्त स्कूल जाने में कई प्रकार की परेशानियों से छात्राओं को जूझना पड़ेगा। क्योंकि मसूदा गांव के रास्ते में कई स्थानों पर ताड़ी की दुकानें सजी हैं, जबकि शराब का निर्माण एवं बिक्री आम बात है। ऐसे में दूसरे अर्थात पंचायत के दूर-दराज के गांवों की छात्राओं को स्कूल जाने में परेशानी होने तय है।

प्रखंड क्षेत्र में कुल 65 मिडिल स्कूल

अविभावक खुद उक्त स्थान तक पढ़ाई के लिए अपनी बच्चियों को नहीं भेजने की बात कहते हैं। अब शिक्षा विभाग के नए फरमान से मकनपुर समेत इस प्रकार की स्थिति वाले ग्रामीण क्षेत्र की छात्राओं को शिक्षा से वंचित होने की नौबत है। बता दें कि प्रखंड क्षेत्र में कुल 65 मिडिल स्कूल है, जिसमें सैकड़ो छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं।

अब तक जो बच्चे अपने गांव स्थित विद्यालय से आठवीं तक की पढ़ाई पूरी कर लिए है। उन बच्चों का नामांकन अपने ही पंचायत के उत्क्रमित उच्च विद्यालय या इंटर विद्यालय में होना है। चाहे उसकी दूरी अधिक भी क्यों न हो। इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी दिनेश चौधरी ने कहा कि विभाग द्वारा जारी पत्र के अनुसार ही विद्यार्थियों का नामांकन लिया जाएगा।

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