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48 वर्षों से मुसाफिर खाना में संचालित हो रहा नवादा रेल थाना

नवादा। किउल-गया रेलखंड के नवादा रेलवे स्टेशन पर स्थित जीआरपी थाना को अबतक अपना भवन नसीब नहीं हो सका है।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 12 Jan 2020 06:15 AM (IST)
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48 वर्षों से मुसाफिर खाना में संचालित हो रहा नवादा रेल थाना

नवादा। किउल-गया रेलखंड के नवादा रेलवे स्टेशन पर स्थित जीआरपी थाना को अबतक अपना भवन नसीब नहीं हो सका है। करीब 48 साल से स्टेशन पर बने मुसाफिर खाना में जीआरपी थाने का कामकाज हो रहा है। वर्ष 1970 में यात्रियों की सुविधा के लिए प्लेट फॉर्म संख्या -1 पर मुसाफिर खाना का निर्माण कराया गया था। स्टेशन पहुंचने वाले यात्रियों द्वारा इसका उपयोग किया जा रहा था। ट्रेन का इंतजार करने वाले यात्रियों को काफी सहूलियत होती थी। रात्रि में स्टेशन पर रुकने वाले मुसाफिर भी आराम फरमाते थे। लेकिन कुछ दिनों बाद ही यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्टेशन पर अपराध केंद्र खोला गया। स्थानाभाव के कारण अपराध केंद्र के अधिकारी व जवान मुसाफिर खाना का इस्तेमाल करने लगे। बाद के दिनों में अपराध केंद्र जीआरपी सहायक थाना बन गया। लेकिन अलग से थाना के लिए कोई भवन का आवंटन नहीं हुआ। फलत: थाना का कामकाज मुसाफिर खाना में ही चल रहा है।

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रेल थाना भवन निर्माण है लंबित

- रेल पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारियों द्वारा थाना भवन निर्माण के लिए चयन किया गया था। नवादा रेलवे स्टेशन स्थित प्लेटफॉर्म नंबर एक पर यात्री शेड के किनारे भूमि का चयन किया गया है। जहां 30 फीट लंबा व 30 फीट चौड़ा एरिया में दो मंजिला थाना भवन का निर्माण होना है। भवन निर्माण को लेकर कुछ माह पूर्व जमालपुर रेल एसपी ने नवादा पहुंचकर स्थल का जायजा भी लिया था। भूमि का चयन हुए करीब दो साल बीत चुके हैं। लेकिन अबतक थाना भवन निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।

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नवादा रेल पिकेट को अबतक नहीं मिला थाना का दर्जा

- रेलवे पुलिस प्रशासन द्वारा 48 साल बीत जाने के बावजूद नवादा जीआरपी पुलिस पिकेट को थाना का दर्जा नहीं मिल सका है। अभीतक नवादा जीआरपी पुलिस पीकेट के नाम पर संचालित हो रहा है। बता दें कि नवादा स्टेशन पर जीआरपी पुलिस पिकेट होने से यहां के पदाधिकारियों को भी काफी परेशानी उठानी पड़ती है। यहां आने वाले मामले को लेकर पदाधिकारियों को प्राथमिकी दर्ज करवाने के लिए किउल थाना जाना पड़ता है। इसके कारण पदाधिकारियों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है। बावजूद अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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पुलिस जवानों को रहने में होती है परेशानी

- नवादा रेलवे स्टेशन पर जवानों को रहने के लिए एक हॉल में बैरक बनाया गया है। जिसमें करीब 20 की संख्या में जवान रहते हैं। जगह के अभाव में जवानों को काफी परेशानी होती है। जीआरपी थाना में तैनात जवानों ने बताया कि भवन पुराना होने के कारण दीवार का प्लास्टर झड़कर गिरता है। कभी-कभी तो बना हुआ खाना में भी गिर जाता है। इसके अलावा कमरा के अंदर मात्र एक शौचालय है। जो काफी जर्जर हो चुका है। शौच त्याग करने में काफी परेशानी होती है। पेयजल की पर्याप्त सुविधा नहीं है। स्टेशन के इर्द-गिर्द लगे नल से पानी लाना पड़ता है। जिसके कारण काफी परेशानी उठानी पड़ती है।

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कहते हैं अधिकारी

- जीआरपी थाना भवन निर्माण के लिए स्टेशन के एक नंबर प्लेटफॉर्म के यात्री शेड के आगे भूमि का चयन किया गया है। जहां दो मंजिला भवन का निर्माण कराया जाएगा। जिसमें थाना कार्यालय के अलावा जवानों के रहने की व्यवस्था होगी। विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण भी किया जा चुका है। विभाग की ओर से बहुत जल्द थाना भवन निर्माण शुरू कराया जाएगा।

भरत उरांव, रेल थानाध्यक्ष,नवादा।