Bihar News: नवादा में है 'बोलता पहाड़...' चौंकिए नहीं! आकर देखिए तब होगा विश्वास
Bihar इलाका प्रकृति की गोद में है जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। पर्यटन की संभावना को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक स्तर पर भी इसका सुंदरीकरण कराया गया है। पहाड़ तक पहुंचने वाले मार्ग को सुदृढ़ किया गया है।
By Navin KumarEdited By: Mohammad SameerUpdated: Mon, 12 Jun 2023 05:00 AM (IST)
संवाद सूत्र, कौआकोल (नवादा): कौआकोल प्रखंड के तरौन गांव स्थित बोलता पहाड़ के इलाके की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। जंगलों के बीच मनोरम वादियों में स्थित इस पहाड़ के नीचे एक स्थान से कुछ बोलने के बाद वही आवाज लौटकर वापस आती है। इसीलिए ग्रामीण इसे बोलता पहाड़ कहते हैं।
आसपास के जिलों के लोग अक्सर यहां की इस खूबी को देखने के लिए पहुंचते हैं। सैलानी यहां आकर इको साउंड का लुत्फ उठाते हैं। पहाड़ के नीचे एक प्वाइंट है, जहां से बोलने पर आवाज लौटकर आती है। उस प्वाइंट को प्रशासन की तरफ से व्यवस्थित किया गया है। अगर बाहर से कोई शख्स कौआकोल पहुंचता है तो बोलता पहाड़ को देखना नहीं भूलता।
पहाड़ पर दुर्लभ जड़ी-बूटियां हैं उपलब्ध
तरौन में जंगली इलाके के बीच बड़े-बड़े काले चट्टानों से यह पहाड़ सरीखा बना है। चट्टान एक दूसरे पर इस कदर रखे हुए हैं, मानों हाथ लगाओ तो गिर जाएं। हालांकि, ये चट्टान कभी नहीं गिरते हैं। पहाड़ी पर दुर्लभ जंगली जड़ी-बूटी भी मिलती है। आयुर्वेद के जानकार लोग यहां से जड़ी-बूटी ले जाते हैं।प्रकृति की गोद में यह खूबसूरत इलाका
यह इलाका प्रकृति की गोद में है, जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। पर्यटन की संभावना को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक स्तर पर भी इसका सुंदरीकरण कराया गया है। पहाड़ तक पहुंचने वाले मार्ग को सुदृढ़ किया गया है। साल के पहले दिन लोग इस स्थान पर पिकनिक का भी आनंद लेते हैं। आसपास के गांवों के लोग यहां घूमने के लिए पहुंचते रहते हैं।जल्द शुरू होगा सुंदरीकरण कार्य: बीडीओ
कौआकोल के प्रखंड विकास पदाधिकारी सुनील कुमार चांद यहां कराए गए विकास कार्यों की बाबत जानकारी देते हैं। कहते हैं कि बोलता पहाड़ तक पहुंचने के लिए रास्ता का निर्माण कराया गया है। यहां सुंदरीकरण से संबंधित कार्य के लिए वन विभाग से अनुमति मांगी गई है। जल्दी ही यहां कुछ और विकास के कार्य आरंभ कराए जाएंगे।
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