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अपर सकरी का सपना टूटा, नाटा नदी का फाईल अटका

- हर बार रहा चुनावी मुद्दा लेकिन किसानों के हाथ लगी निराशा - नाटा नदी जोड़ योजना फिर

By JagranEdited By: Updated: Thu, 08 Oct 2020 05:11 AM (IST)
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अपर सकरी का सपना टूटा, नाटा नदी का फाईल अटका

- हर बार रहा चुनावी मुद्दा, लेकिन किसानों के हाथ लगी निराशा - नाटा नदी जोड़ योजना फिर बनेगा चुनावी मुद्दा ------------ फोटो-23 -------------- रवीन्द्र नाथ भैया, नवादा : बिहार-झारखंड विभाजन के बाद पिछले पांच दशकों तक किसानों के लिए चुनावी लॉलीपॉप बना अपर सकरी जलाशय योजना का सपना बताशे की तरह भरभरा गया । झारखंड सरकार ने अपनी भूमि पर बांध बनाने की स्वीकृति देने से इंकार कर दिया। इस तरह इस पूरी योजना पर ही विराम लग गया। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने लगातार बाढ की विभीषिका व कुछ जगहों पर सुखाड़ की मार झेल रहे किसानों के लिए नदी जोड़ योजना का संकल्प लिया था। इसके तहत राज्यों से प्रस्ताव की मांग की। बिहार सरकार ने सकरी- नाटा नदी जोड़ योजना का प्रस्ताव रखा जिसे केन्द्र सरकार ने स्वीकृति प्रदान की। लेकिन वाजपेयी के सत्ता छोड़ने के साथ ही योजना की गति धीमी हो गई। --------- छह प्रखंडों व चार विधानसभा को मिलना था लाभ - सकरी-नाटा नदी जोड़ योजना के लागू होने से जिले के गोविन्दपुर, अकबरपुर, रोह, वारिसलीगंज, काशीचक व नवादा प्रखंडों के चार विधानसभा के खेतों की सिचाई का लाभ मिलना था। इसके साथ ही शेखपुरा व नालन्दा जिला के कुछ भागों को पानी उपलब्ध कराया जाना था। यही कारण है कि किसानों को इसका बड़ी बेसब्री से इंतजार रहा है। ------------- कहां बनाया जाना है बराज

- सकरी-नाटा नदी जोड़ योजना के तहत गोविन्दपुर प्रखंड क्षेत्र के अवनैया के पास बराज का निर्माण कराया जाना है। पूर्व में भी अपर सकरी जलाशय के लिए ऐन चुनाव के वक्त पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चन्द्रशेखर सिंह ने बकसोती के पास शिलान्यास किया था। अब वह शिलापट्ट तक गायब हो चुका है या फिर पानी के तेज बहाव में बह गया। ------------- फाइलों में दबी है योजना - सकरी-नाटा नदी जोड़ योजना की स्वीकृति के साथ निर्माण के लिए प्राक्कलन तैयार कर अधिकारियों ने बिहार सरकार के पास केन्द्र तक भेजा है। लेकिन योजना फाइलों में दबी पड़ी है। ------------ हर चुनाव में रहा है मुद्दा - पिछले छह दशकों से लोकसभा चुनाव हो या फिर बिहार विधानसभा चुनाव हर बार पहले सकरी जलाशय और एक दशक से सकरी-नाटा नदी चुनावी मुद्दा रहा है। वायदे भी किये जाते रहे हैं। आश्वासन के घूंट के सिवाय अबतक किसानों के हाथ निराशा के अलावा कुछ नहीं मिला। ------------------------ बिहार केसरी का था सपना - बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केसरी डॉ. श्री कृष्ण सिंह ने अपने कार्यकाल में सकरी नदी के सदर प्रखंड के पौरा के पास सकरी पर बांध का निर्माण कराया था । तब उनका सपना अपर सकरी पर बृहद बांध निर्माण की थी। उनके पुत्र पूर्व मंत्री स्व बंदी शंकर सिंह के वारिसलीगंज विधान सभा के लोगों ने इसी के लिए जनमत दिया लेकिन वे भी किसानों की आशा पर खरे नहीं उतर सकें। तब से चुनावी चाशनी बांटे जा रहे हैं । बहरहाल एकबार फिर नवादा के किसानों के पास सकरी-नाटा नदी जोड़ योजना का लॉलीपॉप प्रत्याशियों के लिए है।

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