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केंद्र सरकार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मांगा बिहार का हक

दिल्ली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर बिहार से संबंंधित मुद्दों पर चर्चा की। नीतीश ने सबसे पहले केंद्रीय शहरी विकास मंत्री से मुलाकात की उसके बाद वे केंद्रीय गृहमंत्री व वित्त मंत्री से भी मिले।

By Kajal KumariEdited By: Updated: Fri, 05 Feb 2016 10:33 AM (IST)
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पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली दौरे में केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर केंद्र सरकार से एक बार फिर बिहार का वाजिब हक देने की मांग की है। साथ ही मुख्यमंत्री ने बिहार की लंबित परियोजनाओं का हवाला देते हुए केन्द्र सरकार पर बकाया 16 हजार 565 करोड़ अविलंब जारी करने का अनुरोध किया है।

शहरी विकास मंत्री से की स्मार्ट सिटी की बात

नीतीश कुमार ने शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से मुलाकात कर बिहार से एक भी स्मार्ट सिटी को शामिल नहीं करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हर राज्य की राजधानी को इस योजना में शामिल किया जाना चाहिए।उन्होंने पटना को स्मार्ट सिटी में जल्द शामिल करने की भी मांग की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए यदि निर्धारित किये गये मापदंड के अनुसार चयन किया जाता रहा, तो जो शहर पहले से अच्छे हैं वह और अच्छे होते जायेंगे और जो शहर सुविधा के मामले में निम्न हैं वह और निम्नतर हो जायेंगे।

बिहार के बारे में गृहमंत्री को विस्तार से बताया

गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात में राज्य बंटवारे के समय से ही बिहार-झारखंड सरकार के बीच पेंशन के मुद्दे पर अंतिम फैसला हो जाने के बाद भी झारखंड सरकार द्वारा राशि नहीं दिये जाने का मामला उठाया। नीतीश ने कहा कि गृह मंत्रालय ने 2012 में खुद ही यह फैसला किया था कि झारखंड सरकार को उनके हिस्से में आने वाले पेंशन फंड का भुगतान बिहार को करना होगा।

इस निर्णय के खिलाफ झारखंड सरकार कोर्ट भी गयी,लेकिन वहां भी गृह मंत्रालय के निर्णय को बरकरार रखा गया। इसीलिए उन्होंने गृह मंत्री को बताया कि वे इस मामले को खुद देखें, क्योंकि भारत सरकार का गृह मंत्रालय पूर्व में जो निर्णय लिया है, उसपर अमल करना चाहिए।

नीतीश ने कहा कि हर साल हमलोग अपने बजट में यह प्रावधान रखते हैं कि झारखंड से पेंशन के मद में दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि प्राप्त होगी और वह राशि मिलती नहीं है, जिसके कारण बाद में प्लान साइज को कम करना पड़ता है।

वित्तमंत्री से की बजट की चर्चा

नीतीश कुमार ने वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात कर बिहार के लिए प्रधानमंत्री की ओर से घोषित विशेष पैकेज का हवाला देते हुए कहा कि इसमें बीआरजीएफ के स्पेशल प्लान 8282 करोड़ को शामिल किया गया है। विभिन्न पत्रों के माध्यम से बीआरजीएफ की राशि देने की मांग की जाती रही है। आधारभूत संरचना की कमी वाले राज्य बिहार के लिए घोषित बीआरजीएफ की राशि अविलंब दी जाए।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर बिहार की लंबित योजनाओं के लिए केंद्र सरकार से तत्काल 5493.67 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने की मांग की है। एक फरवरी को प्रधानमंत्री के नाम भेजे पत्र को गुरुवार को जारी किया गया। इस पत्र में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कहा है कि केंद्र द्वारा पर्याप्त राशि उपलब्ध नहीं कराने से बिहार की योजनाओं की गति धीमी हो गयी है।

मु्ख्यमंत्री ने दिया ब्यौरा

बिहार राज्य पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए सीएम ने कहा कि योजना आयोग के उपाध्यक्ष के नियंत्रण में एक विशेष कोषांग गठित हुआ था। 10वीं, 11वीं पंचवर्षीय योजना में ऊर्जा, पथ, वन एवं पर्यावरण से संबंधित 10 हजार 520 करोड़ की योजनाएं स्वीकृत हुई। मात्र 8500 करोड़ मिले, जबकि अंतिम चरण में चल रही योजनाओं को पूरा करने के लिए अब भी 615.90 करोड़ की आवश्यकता है।

राष्ट्रीय सम विकास योजना के समाप्त होने पर 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए इस विशेष सहायता को आगे जारी रखते हुए पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि (बीआरजीएफ) के माध्यम से स्पेशल प्लान में 12 हजार करोड़ स्वीकृत हुआ। अब भी इस योजना में 902.08 करोड़ नहीं मिले हैं, जबकि ऊर्जा व सड़क की 856 करोड़ की योजना नीति आयोग में लंबित है।

पिछड़ा क्षेत्र अनुदान में 12 हजार करोड़ में से मात्र 3717.28 करोड़ ही मिले हैं। राज्य सरकार अपनी ओर से 989.37 करोड़ खर्च कर चुकी है। बीआरजीएफ से चल रही योजनाओं को पूरा करने के लिए 7381.20 करोड़ की आवश्यकता है। राज्य सरकार की ओर से विभिन्न योजनाओं के लिए 5365.44 करोड़ जारी करने का प्रस्ताव भेजा गया लेकिन मात्र 1887.53 करोड़ ही स्वीकृत हुए।

मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि सीमित वित्तीय संसाधनों के मद्देनजर इन योजनाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार अपनी ओर से अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने की स्थिति में नहीं है। केंद्र सरकार की ओर से पर्याप्त राशि नहीं देने के कारण योजनाओं के कार्यान्वयन की गति धीमी हो गई है।

मांगी यह राशि

वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए विशेष योजना के तहत 1887.53 करोड़

12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत 902.08 करोड़ इसी वित्तीय वर्ष में मिले

10वीं, 11वीं व 12वीं पंचवर्षीय योजना की योजनाओं को पूरा करने के लिए 5493.67 करोड़

बीआरजीएफ की बकाया राशि 8282 करोड़ वित्तीय वर्ष 2016-17 तक जारी हो