Bihar Sipahi Bharti: सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक के इस जिले में सबसे ज्यादा मामले दर्ज, हरियाणा कनेक्शन मिला
Bihar Sipahi Bharti बिहार पुलिस में सिपाही भर्ती की परीक्षा का पेपर लीक होने के सबसे ज्यादा मामले सारण जिले में दर्ज हुए हैं। इनका हरियाणा से कनेक्शन भी सामने आया है। ऐसे में पुलिस हर एक बिंदु पर जांच को आगे बढ़ा रही है। पुलिस ने इस मामले में अब तक 148 लोगों को गिरफ्तार कर कई साक्ष्य जुटाए हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस में सिपाही भर्ती की परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में जांच आगे बढ़ने के साथ कई तथ्य सामने आ रहे हैं। बिहार पुलिस ने मंगलवार को इसका खुलासा किया है। इसमें सबसे अहम है पुलिस को पैसे के लेन-देन के सबूत मिलना। पुलिस इस मामले में ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां भी की हैं।
एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने मंगलवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए कई बातों का खुलासा किया है। उन्होंने बताया था कि एसआईटी की जांच में परीक्षा में गड़बड़ी के साथ ही वित्तीय लेन-देन के साक्ष्य मिले हैं।
पुलिस को कौन से साक्ष्य मिले
- एडीजी के अनुसार, अभ्यर्थियों ने यूपीआई के माध्यम से पैसों का लेन-देन किया है। पैसे कहां और किन लोगों तक गए, इसकी जांच जारी है।
- अभी तक इस मामले में राज्य के 21 जिलों में 67 केस दर्ज हुए हैं। इनमें 148 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सबसे अधिक कांड सारण जिले के छपरा में दर्ज किए गए हैं।
- बड़ी संख्या में ब्लूटूथ, वॉकी-टॉकी, मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण भी मिले हैं, जिनकी जांच की रही है।
21 हजार से ज्यादा पदों पर होनी थी भर्ती
बिहार पुलिस में 21 हजार से अधिक पदों के लिए रविवार को ली गई सिपाही भर्ती की परीक्षा का पेपर लीक हुआ था।
सिपाही भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) नैय्यर हसनैन खान ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी।
एडीजी खान ने बताया कि अब तक की जांच में इसके पूरे साक्ष्य मिले हैं कि परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्नपत्र और आंसर-की बाहर आ गए थे।
नवादा और पटना में जो साक्ष्य मिले हैं, उसके अनुसार डेढ़ से दो घंटे पहले ही अभ्यर्थियों को आंसर-की मिल गया था। जब आंसर-की दो घंटे पहले मिला है, तो निश्चित ही प्रश्न-पत्र और पहले आ गए होंगे।
यह प्रश्नपत्र सबसे पहले कहां से लीक हुआ, किसने लीक किया, इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं, इन सारे बिंदुओं की जांच ईओयू ने शुरू कर दी है।
इसमें जो भी दोषी होंगे, चाहे वह सरकारी अधिकारी हो या निजी, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
सिपाही भर्ती पर्षद भी क्या जांच के दायरे में हैं, इस पर एडीजी ने कहा कि साक्ष्य के आधार पर जो भी दोषी होंगे, उनपर कार्रवाई होगी।
दूसरे राज्य भी जाकर जांच करेगी टीम
पेपर लीक में हरियाणा कनेक्शन के सवाल पर एडीजी ने बताया कि अभी तक स्पष्ट किसी राज्य का संबंध सामने नहीं आया है।
अगर किसी राज्य में जाकर जांच करना होगा, तो उसके लिए भी टीम भेजी जाएगी। अभी मुख्यालय स्तर पर वरीय अधिकारियों की एक टीम के साथ जिलों में जाकर जांच करने वाली चार-पांच टीमें बनाई गई हैं।
जांच में जिला पुलिस की भी मदद ली जाएगी। प्रेस वार्ता के दौरान ईओयू के एसपी सुशील कुमार भी मौजूद थे।
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ईओयू ने मांगी जनता से जानकारी
ईओयू ने अभ्यर्थियों के साथ आम लोगों से भी सिपाही भर्ती परीक्षा से जुड़ी जानकारी साझा करने का अनुरोध किया है।
एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने कहा कि जो भी व्यक्ति परीक्षा से जुड़ी सूचनाएं या शिकायतें साझा करना चाहते हैं, उनका स्वागत है।
ईओयू को इन नंबरों पर दें जानकारी : फोन नंबर : 0612-2216236 ई-मेल : cybercell-bih@nic.in
पुलिस मुख्यालय से मांगे गए अतिरिक्त अधिकारी
एडीजी खान ने बताया कि सिपाही बहाली में गड़बड़ी मामले का पर्दाफाश बहुत जल्द निश्चित समयसीमा में होगा। अभी तक ईओयू ने इससे जुड़े दो दर्जन कांडों को टेकओवर किया है।
जांच में ज्यादा समय न लगे, इसके लिए पुलिस मुख्यालय से अतिरिक्त अधिकारी भी मांगे गए हैं। अलग-अलग टीमें बनाकर एक-एक पहलू की जांच होगी। जांच में जो भी कमी पाई जाएगी, उसे सिपाही पर्षद को भी भेजा जाएगा ताकि आगे सुधार किया जा सके।
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