Bihar Police: बिहार में जल्द निपटाए जाएंगे अपराध से जुड़े 17 लाख से अधिक मामले! मुख्य सचिव ने दिए एक्शन के आदेश
बिहार में अपराध से जुड़े 17 लाख से अधिक मामले लंबित हैं। इस संबंध में मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक ने सभी जिलाधिकारियों पुलिस अधीक्षकों और अभियोजन पदाधिकारियों को लंबित मामलों की समीक्षा करने और उनमें कमी लाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही स्पीडी ट्रायल के लिए 7650 मामलों की समीक्षा की गई है और इनकी तत्काल सुनवाई के लिए कार्य योजना बनाने को कहा गया है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, पटना। बिहार पुलिस की जांच में सुस्ती की वजह से राज्य में अपराध से जुड़े से करीब 17 लाख मामले लंबित चल रहे हैं। लंबित मामलों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार अब सख्त हो गई है।
राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक के स्तर पर हुई बैठक में अपराध के लंबित मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए सभी जिलाधिकारियों, आरक्षी अधीक्षकों के साथ ही जिला अभियोजन पदाधिकारियों को मामलों की समीक्षा करने के साथ ही इनमें कमी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हाल ही में पुलिस पदाधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक में अपराध से जुड़े मामलों की समीक्षा की गई। जिसमें यह बात सामने आई कि राज्य में कुल 17,27,406 मामले जांच के लिए लंबित हैं। इनमें साढ़े आठ लाख से अधिक मामले ऐसे हैं, जिनमें आरोपी या तो फरार हैं या फिर उनके निवास और इसी प्रकार की जानकारियां न होने की वजह से लंबित हैं।
इसी कड़ी में 5.60 लाख मामले ऐसे हैं, जो अभियोजन साक्ष्य न होने की वजह से लंबित हैं। इनके अलावा 1.08 लाख मामले ऐसे भी हैं जिनमें आरोपियों को जांच पेपर नहीं दिया गया है।
अपराध के इतनी अधिक संख्या में लंबित मामलों को देखते हुए मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक ने सभी जिलाधिकारियों, पुलिस के एसपी और अभियोजन पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उनके स्तर पर इन मामलों की त्वरित समीक्षा की जाए।
इसके साथ ही यह निर्देश भी जारी किए गए हैं कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता में प्रत्येक महीने होने वाली जिला स्तरीय अनुश्रवण कमेटी की बैठक में लंबित मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए समयबद्ध कार्य योजना बनाते हुए उनके साथ अधिकारी समन्वय बनाए।
इसी क्रम में स्पीडी ट्रायल के लिए लंबित कुल 7650 मामलों की समीक्षा भी की गई और निर्देश दिए गए कि इन मामलों की तत्काल सुनवाई हो इसकी विस्तृत कार्य योजना बना ली जाए ताकि इन मामलों का निपटारा समय सीमा में किया जा सके।
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