पटना से बेतिया के बीच बनेगा हाई स्पीड कॉरिडोर, मुजफ्फरपुर-वैशाली के लोगों को मिलेगा लाभ; 1712 करोड़ रुपये मंजूर
पटना से बेतिया के बीच बनने वाले हाई स्पीड कॉरिडोर के एक स्ट्रेच के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 1712.33 करोड़ रुपए की मंजूरी प्रदान की है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से बौद्ध सर्किट के रास्ते पटना से बेतिया के बीच हाई स्पीड कनेक्टिवटी को विकसित किया जाना है। इससे वैशाली व मुजफ्फरपुर जिले के धार्मिक पर्यटन व आर्थिक विकास को लाभ होगा।
राज्य ब्यूरो, पटना। पटना से बेतिया के बीच बनने वाले हाई स्पीड कॉरिडोर के एक स्ट्रेच के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 1712.33 करोड़ रुपए की मंजूरी प्रदान की है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अपने एक्स हैंडल पर गुरुवार को एक पोस्ट के माध्यम से इस आशय की जानकारी दी।
जिस सड़क के लिए राशि को स्वीकृत किया गया है वह एनएच 139 डब्ल्यू है। इसके माणिकपुर से साहेबगंज स्ट्रेच (44.65 किमी) के लिए राशि को मंजूरी दी गयी है।
इस प्रोजेक्ट के माध्यम से बौद्ध सर्किट के रास्ते पटना से बेतिया के बीच हाई स्पीड कनेक्टिवटी को विकसित किया जाना है। इससे वैशाली व मुजफ्फरपुर जिले के धार्मिक पर्यटन व आर्थिक विकास को लाभ होगा। इस प्रोजेक्ट में एक मेगा ब्रिज, दो फ्लाईओवर, 25 अंडरपास तथा एक आरओबी शामिल हैं।
📢 बिहार 🛣
बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग-139W पर मानिकपुर से साहेबगंज इस 44.65 किमी लंबाई वाले मार्ग के चौड़ीकरण के लिए 1712.33 करोड़ रुपए की लागत के साथ स्वीकृति दी गई है।
यह परियोजना बौद्ध सर्किट के रास्ते में पटना से बेतिया तक हाई स्पीड कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी, जिससे वैशाली…
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) October 17, 2024
138 करोड़ की लागत से जल्द बनकर तैयार होगा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय: मंत्री
राज्य सरकार की पहल पर मीठापुर में करीब पांच एकड़ जमीन पर बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। करीब 138 करोड़ की लागत से बनने वाले स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के भवन का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करने का दावा प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने किया है।
मंत्री पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना की स्थापना पहली जुलाई 2022 में की गई थी। जिसका उद्देश्य सरकार, ट्रस्ट या सोसायटी द्वारा स्थापित सभी मौजूदा स्वास्थ्य विज्ञान महाविद्यालयों और संस्थानों को संबद्ध करना है। जो पहले बिहार में पारंपरिक विश्वविद्यालयों से संबद्ध थे।
स्वास्थ्य विज्ञान महाविद्यालयों की स्थापना सरकार ने आधुनिक और भारतीय चिकित्सा प्रणाली में उचित, व्यवस्थित शिक्षण, प्रशिक्षण और अनुसंधान की सुविधा देने के इरादे से की है। इसके अलावा आधुनिक चिकित्सा प्रणाली, आयुष प्रणाली, नर्सिंग शिक्षा, फार्मेसी, दंत चिकित्सा शिक्षा, प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी फिजियोथेरेपी और व्यावसायिक चिकित्सा, पाठ्यक्रमों को सुनिश्चित करना भी इसका कार्य होगा।
स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय का कैंपस पांच एकड़ में फैला होगा। इसके भवन में प्रशिक्षण और अनुसंधान की सुविधा, प्रशासनिक कार्यालय, एआर/वीआर सिमुलेशन लैब, कैंटीन, डिस्पेंसरी का भी निर्माण होगा। साथ ही यहां परीक्षा और मूल्यांकन केंद्र, बहुउद्देशीय हाल, अतिथि गृह, कुलपति और रजिस्ट्रार के लिए आवास, स्टाफ क्वार्टर की सुविधा भी रहेगी। - मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री
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