Bihar में 200 इंस्पेक्टर बनेंगे डीएसपी, 3 हजार से अधिक पुलिस पदाधिकारियों को मिलेगा प्रमोशन, जारी हुआ आदेश
बिहार में 200 इंस्पेक्टर को पुलिस विभाग में जल्द ही डीएसपी बनाया जाएगा। इस संबंध में जल्द ही गृह विभाग को प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा कई पुलिस अवर निरीक्षकों (दारोगा) को पुलिस निरीक्षक (इंस्पेक्टर) पद के लिए उच्चतर प्रभार देने का आदेश भी जारी कर दिया गया है। अब तक कई पुलिस पदाधिकारियों को प्रमोशन दिया जा चुका है।
By Jagran NewsEdited By: Mukul KumarUpdated: Sat, 16 Sep 2023 10:48 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना : बिहार पुलिस के 200 इंस्पेक्टर जल्द ही पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) का पद संभालेंगे। पुलिस मुख्यालय ने इंस्पेक्टर से डीएसपी की कोटि में लगभग 200 पदों पर कार्यकारी प्रभार प्रदान करने के संबंध में अग्रतर कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि इस संबंध में जल्द ही गृह विभाग को प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाएगा। डीएसपी पद के लिए गृह विभाग के स्तर से ही आदेश जारी होगा।
कुछ पदों के लिए जारी है समीक्षा
पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में एडीजी गंगवार ने बताया कि शुक्रवार को 1168 पुलिस अवर निरीक्षकों (दारोगा) को पुलिस निरीक्षक (इंस्पेक्टर) पद के लिए उच्चतर प्रभार देने का आदेश जारी कर दिया गया है। अभी सिपाही से इंस्पेक्टर रैंक तक की कोटि में 3280 पदों के कार्यकारी प्रभार की कार्रवाई लंबित हैं।
इन पदों के लिए पुलिस पदाधिकारियों की सेवा संपुष्टि और सेवा पुस्तिका आदि की समीक्षा की जा रही है। एडीजी ने बताया कि अब तक 7132 पुलिस पदाधिकारियों को उच्चतर प्रभार दिया जा चुका है।
समस्या या शिकायत पर एसपी के सामने रखें बात
इसके अलावा, पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिसकर्मियों को सलाह दी है कि अगर कोई समस्या या शिकायत है, तो पुलिस लाइन में बने रिक्वेस्ट रूम के माध्यम से एसपी के सामने अपनी बात रखें।
समस्तीपुर में महिला सिपाही की आत्महत्या को लेकर पूछे गए सवाल पर एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि सभी पुलिस लाइन में पहले से रिक्वेस्ट रूम की व्यवस्था है। यहां अकेले में एसपी के सामने अपनी बात रखी जा सकती है। इसका रिकॉर्ड भी रखा जाता है।यह भी पढ़ें- थाने से चंद दूरी पर चल रहे अवैध निजी अस्पताल ने गलत ऑपरेशन से ले ली प्रसूता की जान, बवाल के बाद डॉक्टर फरार
एडीजी ने कहा कि पुलिसकर्मियों का काम चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में जिला से मुख्यालय स्तर तक पुलिसकर्मियों की काउंसिलिंग के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। सभी जिलों के एसपी को भी सुझाव दिया गया है कि वे जिलों के मनोचिकित्सकों, मनोवैज्ञानिकों आदि की मदद से प्रोफेशन काउंलिसिलंग कार्यशाला का आयोजन करें।
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