Bihar Politics: तेज प्रताप ने अब RJD में दे डाली महाभारत की चेतावनी, सदमे में लालू प्रसाद यादव
Bihar Politics क्या लालू प्रसाद यादव के लाल तेज प्रताप यादव आरजेडी में महाभारत का युद्ध छेड़ने जा रहे हैं। रामधारी सिंह दिनकर की कविता के माध्यम से उन्होंने कहा है कि सुलह की उनकी हर कोशिश नाकाम रही है। तेज प्रताप को लेकर दिल्ली में लालू यादव परेशान हैं।
By Amit AlokEdited By: Updated: Mon, 23 Aug 2021 12:15 PM (IST)
पटना, आनलाइन डेस्क। Tej Pratap Yadav News राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) फिर अपने बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) को लेकर मुसीबत में हैं। तेज प्रताप आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) तथा तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव (Sanjay Yadav) के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए हैं। उधर, तेजस्वी ने दो-टूक कहा है कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके बावजूद झुकने को तैयार नहीं तेज प्रताप ने अब दिनकार के काव्य संग्रह 'रश्मिरथी' के तृतीय सर्ग 'कृष्ण की चेतावनी' के माध्यम से पार्टी महाभारत के जंग (Battle of Mahabharata) की चेतावनी दे डाली है। तेज प्रताप रक्षाबंधन के अवसर पर बहनों से राखी बंधवाने दिल्ली गए थे। बताया जाता है कि वहा उन्हें समझाने की कोशिश की गई, लेकिन वे अपनी बात पर अड़े हुए हैं। उन्हें आज भी समझाने की कोशिश की जाएगी।
तेज प्रताप की महाभारत के युद्ध की चेतावनी खुद को अपने अर्जुन (तेजस्वी यादव) का कृष्ण बताने वाले तेज प्रताप यादव ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर (Ramdhari Singh Dinker) की प्रसिद्ध कविता 'कृष्ण की चेतावनी' (Krishna Ke Chetawani) को पोस्ट कर स्पष्ट संदेश दिया है कि वे झुकने को तैयार नहीं हैं। कविता स्पष्ट करती है कि तेज प्रताप ने सुलह की पूरी कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। जब मानव का नाश काल आता है, तब उसका विवेक मर जाता है। कविता के माध्यम से तेज प्रताप ने अब महाभारत के युद्ध (Battle of Mahabharata) की अंतिम चेतावनी दे डाली है।
फेसबुक पेज पर पोस्ट की दिनकर की कविता
तेज प्रताप ने अपने फेसबुक (Facebook) पेज पर यह कविता पोस्ट की है। इसमें भगवान कृष्ण (Lord Krishna) व दुर्योधन (Duryodhana) संवाद के तहत उनकी नजर में दुर्योधन कौन है, इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। हालिया घटनाक्रम को देखें तो उनका इशारा पार्टी के प्रदेश अघ्यक्ष जगदानंद सिंह (jagdanand Singh) की ओर है। जगदानंद सिंह ने तेज प्रताप यादव के करीबी आकाश यादव (Aakash Yadav) को छात्र आरजेडी के अध्यक्ष पद से हटा दिया है, जिसे तेज प्रताप पर लगाम लगाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
यहां जानिए, क्या है आरजेडी का ताजा विवाद
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह तथा तेज प्रताप यादव के बीच की अदावत जग-जाहिर है। बीते दिनों आरजेडी कार्यालय में आयोजित छात्र आरजेडी की बैठक में तेज प्रताप ने जगदानंद सिंह पर हमला करते हुए उन्हें 'हिटलर' कह दिया था। साथ ही यह भी कहा था कि कुर्सी किसी की बपौती नहीं है।
- तेज प्रताप के बयान से नाराज होकर पार्टी कार्यालय आना छोड़ चुके जगदानंद कई दिनों बाद तेजस्वी यादव व राबड़ी देवी से बातचीत के बाद माने। फिर उन्होंने पार्टी कार्यालय आकर सबसे पहले छात्र आरजेडी के अध्यक्ष आकाश यादव को हटा दिया।
- छात्र आरजेडी के संरक्षक तेज प्रताप यादव ने इसे खुद पर हमला माना। इसके बाद जब तेज प्रताप ने फिर जगदानंद सिंह पर हमला किया, तब उन्होंने पार्टी में तेज प्रताप की हैसियत पर सवाल उठाते हुए पूछ डाला- हू इज तेज प्रताप? तेज प्रताप व जगदानंद एक-दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक वाद-विवाद में उलझते दिखे। घटनाक्रम में अगला मोड़ तब आया, जब तेज प्रताप ने तेजस्वी यादव से मुलाकात कर अपनी बात रखनी चाही। बकौल तेज प्रताप, तेजस्वी के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव ने उन्हें तेजस्वी से बात नहीं करने दिया। इसके बाद तेज प्रताप ने संजय यादव के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया।
- अब तेज प्रताप यादव जगदानंद सिंह एवं संजय यादव के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं। तेज प्रताप के अनुसार संजय यादव उनके व तेजस्वी के बीच दरार पैदा करना चाहते हैं।
- इस मामले में तेजस्वी ने दो-टूक कहा है कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। तेजस्वी के इस बयान से स्पष्ट है कि वे तेज प्रताप के साथ खड़े नहीं हैं।
- इस बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुटे हुए हैं।, लकिन तेज प्रताप अपने स्टैंड से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में देखना यह है कि लालू किस तरह तेज प्रताप को मनाते हैं। कई बार तेज प्रताप को लालू ने ही मनाया है।