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Bihar School News: बंद हो जाएंगे बिहार के 24000 प्राइवेट स्कूल? शिक्षा विभाग ने दे दी चेतावनी; कहा- अब होगा एक्शन

Bihar Private School बिहार के 24000 प्राइवेट स्कूल पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। दरअसल ये प्राइवेट स्कूल बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं। ये स्कूल अब भी रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं तो शिक्षा विभाग इन्हें बंद करने का आदेश दे सकता है। शिक्षा विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि जल्द से जल्द स्कूल अपना रजिस्ट्रेशन करवा लें नहीं तो बंद करने के लिए तैयार रहें।

By Dina Nath Sahani Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Sat, 20 Jul 2024 08:22 PM (IST)
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बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ (जागरण)
दीनानाथ साहनी, पटना। Bihar School News: वर्ष 2009 में लागू शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के तहत बिहार में बिना रजिट्रेशन के चल रहे 24 हजार निजी विद्यालयों पर सख्त कार्रवाई होने जा रही है। चूंकि इस कानून के तहत निजी विद्यालयों का रजिस्ट्रेशन (प्रस्वीकृति) अनिवार्य है। इस पर सुप्रीम कोर्ट भी सख्त है।

इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालयों के संचालकों को आगाह करते हुए रजिस्ट्रेशन कराने संबंधी आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर एक लाख रुपये तक जुर्माने की वसूली होगी और ऐसे निजी विद्यालय बंद भी किए जाएंगे। यह कार्रवाई संबंधित जिला प्रशासन के स्तर से होगी।

प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र के मुताबिक राज्य में 24 हजार ऐसे निजी विद्यालय हैं, जिन्होंने सरकार के निर्देश देने के बावजूद अब तक अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। ऐसे विद्यालयों को बंद करने संबंधी कार्रवाई करने से पहले उन्हें अंतिम मौका रजिस्ट्रेशन कराने के लिए दिया जा रहा है।

ऐसे निजी विद्यालयों को 15 अगस्त तक आनलाइन आवेदन देकर रजिट्रेशन कराना होगा। सिर्फ अल्पसंख्यक और धर्म आधारित निजी विद्यालयों को ही इससे छूट है। आरटीई के प्रविधान के तहत धार्मिक एवं भाषा आधारित निजी विद्यालयों को छोड़ बाकी सभी निजी विद्यालयों के रजिस्ट्रेशन कराने की अनिवार्यता है। फिलहाल राज्य में मात्र 12 हजार निजी विद्यालय ही रजिस्टर्ड है।

कमजोर वर्ग के कोटे 25 प्रतिशत सीटों पर बच्चों का नामांकन अनिवार्य 

आरटीई के मुताबिक निजी विद्यालयों में पहली कक्षा में 25 प्रतिशत सीटों पर प्रत्येक वर्ष नये सत्र में अलाभकारी समूह एवं कमजोर वर्ग के वैसे बच्चों की निशुल्क शिक्षा का प्रविधान है, जिनके अभिभावक की सालाना आय एक लाख रुपये तक है। लेकिन, आरक्षित सीटों पर

निजी विद्यालयों के संचालकों द्वारा बच्चों के नामांकन लेने में मनमानी की जाती है। इससे

संबंधित शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने कमजोर वर्ग के कोटे 25 प्रतिशत सीटों पर बच्चों का नामांकन लेना अनिवार्य कर दिया है। इस सख्ती का असर भी हुआ है।

चालू शैक्षणिक सत्र में निजी विद्यालयों में कमजोर वर्ग के 27 हजार बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जा चुका है। पहली कक्षा में नामांकन लेने वाले ऐसे बच्चों की आठवीं कक्षा तक निशुल्क शिक्षा का प्रविधान है। प्रतिपूर्ति के रूप में प्रति बच्चा प्रति वर्ष 11 हजार रुपये की राशि संबंधित निजी विद्यालयों को उपलब्ध करायी जाती है। इस राशि में 60 प्रतिशत केंद्रांश होता है और 40 प्रतिशत राज्यांश। पिछले साल निजी विद्यालयों को 22 करोड़ रुपये भुगतान किया जा चुका है। इस साल से यह राशि निजी विद्यालयों को आनलाइन देने की व्यवस्था की गई है।

रजिस्ट्रेशन नहीं कराने से बच्चों को यह होता है नुकसान

रजिस्ट्रेशन (प्रस्वीकृति) कराने के बाद निजी विद्यालयों को पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को टीसी (स्थानांतरण प्रमाणपत्र) देने का अधिकार मिल जाता है। जबकि रजिस्ट्रेशन (प्रस्वीकृति) नहीं होने की स्थिति में ऐसे निजी विद्यालयों के बच्चों को केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय एवं सैनिक स्कूल में नामांकन से भी वंचित होना पड़ता है।

22 से पहली कक्षा में नामांकन लेने की प्रक्रिया

राज्य के निजी विद्यालयों में आरटीई कोटे के तहत कमजोर वर्ग के बच्चों के नामांकन  संबंधी दूसरे चरण की प्रक्रिया 22 जुलाई से प्रारंभ होगी। इस संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से निजी विद्यालयों को निर्देश जारी किया गया है।

नामांकन के लिए आवेदन भी शिक्षा विभाग के ज्ञानदीप पोर्टल के माध्यम से आनलाइन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बता दें कि पहली कक्षा में 25 प्रतिशत सीटों पर नामांकन के लिए पिछले साल जहां 22 हजार आवेदन आए थे। वहीं इस बार 27 हजार आवेदन आए हैं।

इसमें 23 हजार 10 बच्चों के नामांकन की अनुशंसा पूरी हो चुकी है। अब नामांकन के दूसरे चरण की प्रक्रिया 22 जुलाई से 31 जुलाई तक चलेगी। दो अगस्त को अपराह्न तीन बजे नामांकन के लिए स्कूल आवंटित किए जाएंगे। नामांकन के लिए चयनित बच्चों का सत्यापन एवं विद्यालय में प्रवेश तीन अगस्त से शुरू होकर 10 अगस्त तक चलेगा। इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है।

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