Bihar News: कैसे होगा गांव का विकास? पंचायतों के खातों में 23 साल से पड़ी है 26 हजार करोड़, अब DM-DDC लेंगे एक्शन
बिहार सरकार एक ओर जहां विकास योजनाओं के लिए पैसे की किल्लत झेल रही तो वहीं दूसरी ओर 23 साल से त्रि-स्तरीय पंचायतों के खातों में 26 हजार करोड़ की राशि अटकी पड़ी है। यह राशि वित्तीय साल 2002-03 से 2022-23 के बीच त्रि-स्तरीय पंचायतों को दी गई। अब ऐसे में पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी डीएम एवं डीडीसी को चिट्टी लिखी है।
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य सरकार एक ओर विकास योजनाओं के लिए राशि की किल्लत झेल रही है। वहीं, दूसरी ओर 23 वर्षों से प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायतों (जिला परिषद, पंचायत समिति व ग्राम पंचायत) के विभिन्न खातों में 26,183 करोड़ रुपये से अधिक राशि पड़ी हुई है।
यह राशि वित्तीय वर्ष 2002-03 से 2022-23 के बीच जिला परिषदों, पंचायत समितियों तथा ग्राम पंचायतों को दी गई है। इस संबंध में पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) मिहिर कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों (डीएम) एवं उप विकास आयुक्त (डीडीसी) को पत्र लिखा है।
31 जनवरी तक बजट शीर्ष में जमा करने का निर्देश
शासन ने जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारियों को लिखे पत्र में मुख्य सचिव द्वारा 11 अगस्त, 2023 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में डीडीसी एवं जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारियों को दी गई चेतावनी की ओर भी ध्यान आकृष्ट किया है।
एसीएस ने पत्र में बैंकों एवं पीएल खातों (पर्सनल लेजर अकाउंट) में जमा अनुपयोगी राशि को हर हाल में 31 जनवरी तक बजट शीर्ष में जमा करने का सख्त निर्देश दिया है।
यही नहीं, 108 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के विस्तृत खर्च से संबंधित ब्योरे का भी पंचायती राज विभाग को इंतजार है। इसमें मोटी राशि जिला परिषद के पीएल खातों एवं पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायतों के बैंक खातों में पड़ी हुई है।
चौंकाने वाला तथ्य यह भी सामने आया है कि करोड़ों रुपये की राशि उन योजनाओं एवं मदों के नाम पर पड़ी है, जिनकी कार्यावधि वर्षों पहले समाप्त हो चुकी है।
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