Patna Metro: पटना मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर का 40 फीसदी काम पूरा, जून से सुरंग खोदने के काम में आएगी तेजी
Patna Metro प्रायोरिटी कॉरिडोर में पिलर बनकर तैयार हो चुके हैं और यू गार्डर रखने का काम शुरू हो गया है। गार्डर रखने के बाद ट्रैक बिछाने का काम किया जाएगा। अगले साल तक प्रायोरिटी कॉरिडोर का सिविल काम खत्म करने का लक्ष्य है।
राज्य ब्यूरो, पटना: कंकड़बाग के मलाही पकड़ी से बाईपास के नजदीक नए बस पड़ाव तक पटना मेट्रो (Patna Metro) के एलिवेटेड रूट पर काम तेजी से जारी है। निर्माण कंपनी दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अनुसार, प्रायोरिटी कॉरिडोर का काम 40 प्रतिशत से अधिक पूरा हो गया है।
रूट में 5 स्टेशन
इस रूट में पांच मेट्रो स्टेशन हैं, जिनमें मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ, जीरो माइल और पाटलिपुत्र बस टर्मिनल शामिल हैं। यह एलिवेटेड रूट लगभग सात किलोमीटर लंबा है, जो नए पड़ाव के पास ही बन रहे मेट्रो डिपो से भी जुड़ा होगा। डिपो निर्माण के लिए भी जमीन की बाधा दूर होने के बाद काम शुरू हो चुका है।
प्रायोरिटी कॉरिडोर में पिलर बनकर तैयार हो चुके हैं और यू गार्डर रखने का काम शुरू हो गया है। गार्डर रखने के बाद ट्रैक बिछाने का काम किया जाएगा।
अगले साल तक प्रायोरिटी कॉरिडोर का सिविल काम खत्म करने का लक्ष्य है, जिसके बाद इलेक्ट्रिक व अन्य काम शुरू होंगे। सबसे पहले प्रायोरिटी कोरिडोर के पांच स्टेशनों के बीच ही मेट्रो ट्रेन शुरू होने की उम्मीद है।
20 जून तक शुरू होगी दूसरी टीबीएम
मलाही पकड़ी से पाटलिपुत्र बस पड़ाव तक का प्रायोरिटी रूट कॉरिडोर-दो का हिस्सा है, जो पटना जंक्शन को वाया गांधी मैदान पाटलिपुत्र बस पड़ाव से जोड़ने वाला है। मलाही पकड़ी से आगे राजेंद्रनगर की ओर यह रूट भूमिगत है।
इसके लिए दो टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) से खोदाई होगी। मोइनुलहक स्टेडियम के पास पहली टीबीएम महावीर के जरिए सुरंग खोदाई का काम सात अप्रैल से शुरू हो चुका है। डीएमआरसी के अनुसार, अगले महीने के दूसरे पखवारे में 20 जून के आसपास दूसरी मशीन भी सुरंग की खोदाई में लग जाएगी, इससे काम दोगुनी तेजी से पूरा होगा।
टीबीएम के बीच होगी 50 मीटर की दूरी
मेट्रो के भूमिगत स्टेशन के लिए अभी मोइनुलहक स्टेडियम से पटना विश्वविद्यालय तक सुरंग की खोदाई हो रही है। दोनों स्टेशनों के बीच करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा मेट्रो सुरंग बनना है, इसमें करीब पांच महीने का समय लगने का अनुमान है।
डीएमआरसी के अनुसार, एक टीबीएम से दूसरे टीबीएम के बीच कम से कम 50 मीटर की दूरी होगी। पटना विश्वविद्यालय के बाद अशोक राजपथ के नीचे पीएमसीएच होते गांधी मैदान तक सुरंग की खोदाई का काम शुरू होगा।