बिहार में फाइनल वोटर लिस्ट से कट गए 48 लाख नाम, अब 7.41 करोड़ मतदाता चुनेंगे नई सरकार
Bihar Final Voter List बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद 30 सितंबर 2025 को अंतिम मतदाता सूची जारी हुई। यह सूची बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ड्राफ्ट सूची से 17.86 लाख मतदाता अधिक बढ़े हैं जबकि 24 जून को जारी सूची से 47.77 लाख मतदाता कम हुए। चुनाव आयोग अक्टूबर में पटना का दौरा करेगा।

राज्य ब्यूरो, पटना। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के बाद शनिवार को निर्वाचन आयोग ने बिहार की सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं की सूची जारी कर दी। अंतिम मतदाता सूची में राज्य के सात करोड़ 41 लाख 92 हजार 357 योग्य मतदाताओं के नाम सम्मिलित हैं।
इसमें तीन करोड़ 92 लाख सात हजार पुरुष और तीन करोड़ 49 लाख 82 हजार 828 महिलाएं हैं। 1725 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं। विशेष श्रेणी में 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या चार लाख तीन हजार 985 है। अंतिम सूची में पहली बार 18-19 वर्ष के नए 14 लाख एक हजार 150 मतदाताओं के नाम सम्मिलित किए गए हैं।
दिव्यांग मतदाताओं की संख्या सात लाख 20 हजार 709 है। आयोग द्वारा बताया गया है कि 24 जून को एसआइआर के समय से लेकर अंतिम मतदाता सूची तक कुल 69 लाख 30 हजार 817 मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए। इसमें एसआइआर और दावा-आपत्ति के माध्यम दोनों आंकड़े सम्मिलित हैं।
इधर एसआइआर के बाद जारी अंतिम मतदाता सूची में कुल 21 लाख 53 हजार 343 नए मतदाताओं के नाम सूची में सम्मिलित किए गए हैं। एसआइआर आरंभ होने के पहले मतदाता सूची में कुल सात करोड़ 89 लाख 69 हजार 844 मतदाताओं के नाम सम्मिलित थे।
एसआइआर के दौरान 22 लाख 34 हजार 136 मतदाता मृत पाए गए, जबकि छह लाख 85 हजार मतदाताओं के नाम को दोहरी प्रविष्टि पाई गई थी। इसी प्रकार से एसआइआर में कुल 36 लाख 44 हजार 939 मतदाता स्थायी रूप से स्थानांतरित पाए गए।
इस प्रकार एसआइआर में कुल 65 लाख 64 हजार 75 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से बाहर किए गए। एसआइआर आरंभ होने के समय मतदाताओं की संख्या से अंतिम सूची के मतदाताओं की संख्या में कुल 47 लाख 77 हजार 487 मतदाताओं की कमी दर्ज की गई है।
इधर एसआइआर के बाद एक अगस्त को प्रकाशित प्रारूप सूची में सात करोड़ 24 लाख पांच हजार 756 मतदाताओं के नाम सम्मिलित थे।
प्रारूप सूची के आधार पर किए गए दावा-आपत्ति के बाद राज्य भर में कुल तीन लाख 66 हजार 742 अयोग्य मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए, जबकि दावा-आपत्ति के माध्यम से प्राप्त 21 लाख 53 हजार 343 योग्य मतदाताओं के नाम जोड़े गए।
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