Patna News : कोर्ट को गुमराह करने वाले पूर्व प्रमुख पर 50 हजार का अर्थदंड, इतने दिन के भीतर भरना होगा जुर्माना
Bihar Crime News कोर्ट को गुमराह करने वाले पूर्व प्रमुख पर 50 हजार का अर्थदंड लगा है। मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश हरीश कुमार की खंडपीठ ने बशीद अहमद की एलपीए याचिका की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि अर्थदंड की राशि अपीलकर्ता को एक महीने के भीतर जमा करानी होगी।
राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाई कोर्ट ने झूठा दावा करने और न्यायालय को गुमराह करने के मामले पर संज्ञान लेते हुए अपीलकर्ता पर पचास हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश हरीश कुमार की खंडपीठ ने बशीद अहमद की एलपीए याचिका को खारिज करते हुए उक्त आदेश दिया।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अर्थदंड की राशि अपीलकर्ता को एक महीने के भीतर बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करानी होगी। अपीलकर्ता बशीद को राज्य के पंचायती राज कानून के प्रविधानों के तहत अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सुपौल जिले में निर्मली ब्लाक स्तरीय पंचायत समिति के प्रमुख के पद से हटा दिया गया था।
नोटिस मिलने की बात किया इनकार
अपीलकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसे प्रस्तावित अविश्वास प्रस्ताव का कोई नोटिस नहीं दिया गया। प्रतिवादी के वरीय अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव एवं गिरीश पांडेय ने रिकॉर्ड से यह दर्शाया कि अपीलकर्ता को पिछले साल 23 दिसंबर, 2023 को ही नोटिस मिला था।कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अपीलकर्ता को पंचायत के प्रमुख के रूप में चुना गया था। मतदाताओं द्वारा जताया गया भरोसा जनप्रतिनिधि को अधिक ईमानदारी से काम करने के लिए बाध्य करता है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अर्थदंड की राशि समय सीमा के भीतर जमा नहीं करने पर बीएसएलएसए जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से शुरू की गई कार्यवाही के माध्यम से अपीलकर्ता से उक्त राशि की वसूली करने का हकदार होगा, जैसा कि भूमि पर देय किसी भी राजस्व की वसूली में किया जाता है।
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