Bihar News: सरकारी अस्पतालों में अब नहीं मिलेगी ये फ्री दवाएं, जानें स्वास्थ्य मंत्री ने आखिर क्यों दिया ऐसा आदेश
बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने दवाओं की आवश्यक सूची समय के साथ अनुपयोगी हो चुकी दवाओं को लिस्ट से बाहर करने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है। समीक्षा में पाया गया कि सरकारी अस्पतालों में वितरित होने वाली कई दवाएं ऐसी हैं जिनका उपयोग अब लगभग न के बराबर हो गया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई दवाओं की आवश्यक सूची (ईडीएल) में संशोधन की तैयारी है। स्वास्थ्य विभाग का निर्णय हुआ है कि जो दवाएं समय के साथ अनुपयोगी हो चुकी है, उनके नाम आवश्यक दवा सूची से हटाए जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की अध्यक्षता में बीते दिनों हुई समीक्षा बैठक के बाद विभाग ने यह निर्णय लिया है।
मंत्री ने अपनी समीक्षा में पाया था कि सरकारी अस्पतालों में मुफ्त और नियमित वितरण के लिए जो दवाओं की सूची निर्धारित है, उसमें कई दवाएं ऐसी हैं जिनका इस्तेमाल अब बेहद कम या नहीं के बराबर होता है।
70 से 80 किस्म की दवाओं का उपयोग लगभग बंद
सरकारी दवाओं की सूची में छह सौ से अधिक दवाओं को शामिल किया गया है। अलग-अलग अस्पतालों में दवा वितरण का कोटा निर्धारित है।
इन दवाओं में 70 से 80 किस्म की दवाओं का उपयोग अब लगभग नहीं हो रहा है, क्योंकि डॉक्टर पर्चे पर उन दवाओं को नहीं लिखते।
अनुपयोगी दवाओं को सूची से बाहर करने का निर्देश
मंत्री से मिले निर्देश के आलोक में अब स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में बिहार स्वास्थ्य सेवाएं आधारभूत संरचना निगम को अनुपयोगी हो चुकी दवाओं को सूची से बाहर करने के निर्देश दिए हैं।
सूत्रों का कहना है कि इसके पहले निदेशक प्रमुख की अध्यक्षता में समीक्षा की जाएगी। इसके बाद दवाओं की सूची को संशोधित कर दिया जाएगा।
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