स्टेशनों पर धुआं उठते ही बजने लगेगा अलार्म
पटना । रेलवे की ओर से किसी भी स्टेशन पर माचिस की तीली तक जलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। अब
पटना । रेलवे की ओर से किसी भी स्टेशन पर माचिस की तीली तक जलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। अब स्टेशन पर स्टोव से चाय बनाना संभव नहीं हो सकेगा। खासकर उन स्टेशनों पर जहां रूट रिले इंटरलॉकिंग हो चुका है। वहां आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम से ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। पूर्व मध्य रेल प्रबंधन की ओर से ऐसे सभी स्टेशनों पर आधुनिक फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम लगाने का निर्णय लिया गया है। इसकी शुरुआत दानापुर रेल मंडल से की जाएगी। दानापुर मंडल में 89 स्टेशन हैं जिसमें 75 स्टेशन पर रूट रिले इंटरलाकिंग का काम हो चुका है। इन्हीं 75 स्टेशनों पर इस सिस्टम को इंस्टॉल किया जाएगा।
इसके लिए पूर्व मध्य रेल की ओर से रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया था। रेलवे बोर्ड की ओर से हरी झंडी दे दी गई है। इसके लिए रेलवे बोर्ड से 2.63 करोड़ रुपये की राशि भी दानापुर रेल मंडल को स्वीकृत कर दिया गया है।
क्या है फायर डिटेक्शन सिस्टम?
फायर डिटेक्शन सिस्टम में कई उपकरण एक साथ जुड़े रहते हैं। आग लगते ही अथवा धुआं उठते ही अलार्म बजने लगता है। इस उपकरण से स्पीकर को जोड़ा जाता है। जैसे ही उपकरण सक्रिय होगा, सायरन बजने लगेगा। तत्काल स्टेशन पर कार्यरत कर्मी व सुरक्षाकर्मी सतर्क हो जाएंगे और आग फैलने से पहले ही उसपर काबू पा लिया जाएगा।
स्टेशनों पर धूम्रपान करने पर रहेगी सख्त पाबंदी
दानापुर मंडल के किसी भी स्टेशन पर धूम्रपान करने पर सख्त पाबंदी लगा दी गई है। इतना ही नहीं स्टेशनों पर अब गैस चूल्हा अथवा किरोसिन स्टोव पर खाना बनाना भी प्रतिबंधित रहेगा। रेलवे सुरक्षा बल इसकी रोकथाम के लिए अभियान चलाने को कहा गया है।
इटारसी के पैनल इंटरलॉकिंग में तीन-चार साल पहले भीषण आग लगी थी। आग लगने से पूरा पैनल इंटरलॉकिंग जलकर खाक हो गया था। इसके कारण 20 दिनों से अधिक ट्रेनों का परिचालन बुरी तरह से प्रभावित रहा था। इस तरह की घटना दोबारा न हो इसके लिए रेलवे की ओर से सभी स्टेशनों पर फायर डिटेक्शन सिस्टम लगाने का निर्णय लिया गया है। दानापुर मंडल के सभी स्टेशनों पर इस सिस्टम को इसी वित्तीय वर्ष के अंत तक इंस्टॉल कर दिया जाएगा।