BPSC Paper Leak 2024: करबिगहिया इलाके में मिला था प्रश्न-पत्रों का सेट, कोलकाता प्रेस से हुआ था लीक
बिहार लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित की गई शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र आर्थिक अपराध इकाई को परीक्षा से एक दिन पहले छापेमारी के दौरान पटना के करबिगहिया पार्किंग इलाके में मिला था और यह प्रश्नपत्र कोलकाता ग्रुप की मदद से प्रिंटिंग प्रेस से लीक किया गया था। इस मामले में ईओयू की प्राथमिकी में प्रश्नपत्र लीक को लेकर पूरी साजिश की कहानी बताई गई है।
राज्य ब्यूरो, पटना। BPSC Paper Leak 2024: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के द्वारा ली गई शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को परीक्षा से एक दिन पहले पटना के करबिगहिया पार्किंग इलाके में छापेमारी के दौरान मिला था। यह प्रश्नपत्र कोलकाता ग्रुप की मदद से प्रिंटिंग प्रेस से लीक किया गया था।
ईओयू की प्राथमिकी में प्रश्नपत्र लीक की पूरी साजिश की कहानी बताई गई है। प्राथमिकी के अनुसार, 14 मार्च की शाम को ईओयू की टीम ने वैशाली के भगवानपुर के रहने वाले विशाल कुमार चौरसिया के साथ वैशाली के बिदुपुर के सुमंत कुमार, महनार के गौतम कुमार और बिदुपुर के छात्र निकेत कुमार को करबिगहिया पार्किंग क्षेत्र से पकड़ा था।
इनके पास से प्रश्न-पत्रों के कई सेट मिले। पूछताछ में इन्होंने बताया कि यह शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र है। पूछताछ में विशाल चौरसिया ने प्रश्नपत्र लीक कराने में अपने कई सहयोगियों की संलिप्तता होने की बात बताई।
दिल्ली और बालासोर पेपर लीक में जेल जा चुका है विशाल
प्राथमिकी के अनुसार, विशाल कुमार उर्फ विशाल कुमार चौरसिया वैशाली जिले में सिंचाई विभ्ज्ञाग में एकाउंटेंट के पद पर प्रतिनियुक्त था। वर्तमान में विभाग ने उसे निलंबित कर दिया है।
वह पूर्व में दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर की भर्ती परीक्षा और उड़ीसा के बालासोर में जूनियर इंजीनियर की भर्ती के लिए ली जाने वाली परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक कराने का भी आरोपित रहा है। इन दोनों मामलों में वह जेल भी जा चुका है।
बालासोर जेल में रची थी सिपाही भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक की साजिश
विशाल ने पूछताछ में बताया है कि फुलवारीशरीफ में उसका आनलाइन परीक्षा सेंटर भी है, जिसके प्रबंधन का काम सुचिंद्र पासवान देखता है। बालासोर जेल में रहने के दौरान उसने सुचिन्द्र की सहायता से बिहार पुलिस में सिपाही भर्ती की परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक किया था।
इसी दौरान उसकी पहचान यूपी के जौनपुर के रहने वाले अजीत चौहान से हुई। अजीत चौहान भी भर्ती परीक्षाओं में सेटिंग का कार्य करता था। उसका कोलकाता के कई प्रेसों में संपर्क था जहां से वह प्रेसकर्मियों की सहायता से पेपर लीक करता था।अजीत चौहान कौशिक कर के संपर्क में था, जिसका पश्चिम बंगाल में अपना प्रेस है। जेल से छूटने के बाद विशाल ने कोलकाता के ग्रुप के अजय पासवान, बिहारशरीफ के विनोद कुमार कुशवाहा, पवन कुमार राजपूत और सुचिन्द्र पासवान की मदद से प्रेस से शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक कराया था।
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