बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को आधार सीडिंग अनिवार्य, योजनाओं में लाभ देने के लिए उठाया गया कदम
Bihar School News राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चों को सरकारी योजनाओं में लाभ देने के लिए सरकार ने आधार कार्ड सीडिंग अनिवार्य कर दी गई है। ऐसा करने से दो बार नामांकन भरने वाले बच्चों की छंटनी करने में आसानी होगी। इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र की ओर से शनिवार को सभी जिलों को निर्देश जारी किया गया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए आधार सीडिंग अनिवार्य कर दिया गया है। इससे बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने में सुविधा होगी। वहीं, दोहरे नामांकन कराने वाले बच्चे पकड़े जाएंगे।
ऐसे बच्चों को चिह्नित करने में भी आसानी होगी, जिन्होंने अपना नामांकन तो सरकारी विद्यालय में कराया हुआ है और पढ़ाई निजी विद्यालय में कर रहा है। इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र की ओर से शनिवार को सभी जिलों को निर्देश जारी किया गया।
हर प्रखंड में दो आधार सेंटर
उन्होंने बताया कि बच्चों के आधार कार्ड बनवाने में उनके अभिभावकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए राज्य के प्रत्येक प्रखंड में दो आधार केंद्र काम कर रहे हैं। दोनों ही आधार केंद्र हर प्रखंड के दो अलग-अलग स्कूल में चल रहे हैं। अब तक सरकारी विद्यालयों के 67 प्रतिशत बच्चों के आधार कार्ड बन चुके हैं।
निजी विद्यालयों के भी 24 प्रतिशत बच्चों के आधार कार्ड बन चुके हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी विद्यालयों के उन्हीं बच्चों को डीबीटी के माध्यम से योजनाओं की राशि उनके खाते में दी जानी है, जिनकी आधार सीडिंग होगी। इससे दोहरे नामांकन के मामले पकड़े जाएंगे, ऐसी व्यवस्था की गयी है।
ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा विवरण
इसके लिए ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर नामांकित बच्चों की विवरणी भी अपलोड किया जा रहा है। अब तक सरकारी स्कूलों के 63 प्रतिशत बच्चों की विवरणी पोर्टल पर अपलोड हो चुका है। हालांकि, निजी विद्यालयों के एक प्रतिशत से भी कम बच्चों की विवरणी ही ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड हो पाया है।
उन्होंने बताया कि राज्य में विद्यालयों की संख्या 77,370 है। इनमें नामांकित बच्चों की संख्या 1,84,36,388 है। इनमें से 1,24,12,221 बच्चों के आधार कार्ड अब तक बन चुके हैं। इसी प्रकार 13,997 निजी विद्यालयों में नामांकित बच्चों की संख्या 32,76,773 है। इनमें से 7,76,102 बच्चों के आधार कार्ड बन गए।
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