अब्दुल बारी सिद्दीकी ने दी विदेशी नागरिकता की सलाह, बेटे ने पूछ लिया- आप कौन होते हैं ये बताने वाले
अपने बच्चों को विदेशी नागरिकता लेने की सलाह देकर निशाने पर आए अब्दुल बारी सिद्दीकी ने गुरुवार को सफाई दी। उन्होंने कहा कि बच्चों को ऐसी सलाह देने में कोई बुराई नहीं है। कोई सर्वे हो तो पता चले कि तथाकथित देश भक्तों के कितने बच्चे विदेश में हैं।
By Arun AsheshEdited By: Yogesh SahuUpdated: Thu, 22 Dec 2022 11:23 PM (IST)
पटना, राज्य ब्यूरो। अपने बेटे-बेटी को विदेश में नौकरी करने और मिलने पर उस देश की नागरिकता लेने सलाह देने वाले राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि उन्हें एजेंडे के तहत घेरा जा रहा है। ऐसा कुछ नहीं कहा जो राष्ट्रविरोधी हो। हमें भाजपा या उस तरह के किसी दल से भारतीयता का प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह इसी मिट्टी में जन्मे और पले-बढ़े हैं। किसी से अधिक भारतीय हैं। हालांकि सिद्दीकी ने स्वीकार किया कि उनकी सलाह का बेटे ने भी विरोध किया। बेटा का कहना था कि हम बालिग हैं। कहां रहेंगे, कहां नौकरी करेंगे, इसके बारे में सलाह देने का अधिकार आपको नहीं है। सिद्दीकी के पुत्र हार्वर्ड में पढ़ रहे हैं। बेटी लंदन स्कूल ऑफ इकोनाॅमिक्स में पढ़ रही हैं।
क्या है मामला, क्यों घिरे सिद्दीकी
पांच दिन पहले स्थानीय होटल में विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर के सम्मान में एक ऊर्दू दैनिक की ओर से सम्मान समारोह का आयोजन हुआ था। उसी में देश की हालत और रोजगार की कमी की चर्चा के दौरान सिद्दीकी ने अपनी संतानों को विदेश में नौकरी करने और नागरिकता तक हासिल करने की सलाह दी थी।सिद्दीकी की सफाई- सर्वे हो तो पता चले किस-किस के बच्चे कहां हैं
उन्होंने गुरुवार को दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि बच्चों को ऐसी सलाह देने में कोई बुराई नहीं है। ऐसा कोई सर्वेक्षण हो तो पता चले कि तथाकथित देश भक्तों के कितने बाल बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं। नौकरी कर रहे हैं और नागरिक भी हैं। सिद्दीकी ने कहा कि सभापति के सम्मान समारोह में न्यायपालिका से जुड़े लोग भी थे। वे सहज भाव से अपनी बात कह रहे थे। किसी ने विरोध नहीं किया। समारोह के पांच दिन बाद भाजपा अपने एजेंडे के हिसाब से आलोचना कर रही है।
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