Bihar Lok Sabha Election Counting: एसीईओ करेंगे काउंटिंग की मॉनीटरिंग, शिकायतों का भी करेंगे निपटारा
लोकसभा का चुनाव (Lok Sabha Election 2024) खत्म हो चुका है। अब सभी की नजर 4 जून (Bihar Lok Sabha Election Counting) पर टिकी हुई है। 4 जून को 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। मतगणना के लिए बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एचआर श्रीनिवास ने सभी 40 लोकसभा सीटों के लिए होने वाली मतगणना की मॉनीटरिंग के लिए टीम का गठन किया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एचआर श्रीनिवास ने राज्य के 40 लोकसभा क्षेत्र के लिए होने वाली मतगणना की मॉनीटरिंग के लिए टीम का गठन किया है।
मतगणना के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय सभागार में संचालित होने वाले नियंत्रण कक्ष का दायित्व अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी आलोक रंजन घोष को दिया गया।
साथ ही संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी मिथिलेश साहु और संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी माधव कुमार सिंह घोष को सहयोग करेंगे। सुबह सात बजे से मतगणना समाप्त होने तक नियंत्रण कक्ष कार्यरत रहेगा।
मतगणना के दौरान नंबर 0612-2217601, 0612-2217602, 0612-2217597 पर किसी तरह शिकायत करने की सुविधा होगी।
इसके अलावा, मतगणना से संबंधित आंकड़ों को अपडेट करने एवं अन्य मॉनीटरिंग के लिए भी मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में तैनात अधिकारियों को अलग-अलग दायित्व दिया गया है।
वहीं, सभी 40 लोकसभा क्षेत्र से डाटा मंगाने एवं अपडेट करने का दायित्व ओएसडी दिनेश राम, उप सचिव किशोर कुमार, उप निर्वाचन अधिकारी धीरज कुमार, अवर निर्वाचन अधिकारी सुबोध सिन्हा, अवर सचिव उदय कुमार, अमिताभ कुमार रेड्डी, प्रमोद कुमार एवं अवर निर्वाचन अधिकारी कपिल शर्मा को दिया गया है।
डर फैलाने के बजाय अपनी गिरेबान में झांके विपक्ष : विजय सिन्हा
उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि चुनाव से जुड़े तमाम पूर्वानुमानों ने जनादेश की दिशा स्पष्ट कर दी है। यह साफ हो चुका है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को एक बार फिर जनता का अपार समर्थन और आशीर्वाद मिलने जा रहा है।
सिन्हा ने मतदान को लेकर जारी अनुमानों ने यह भी बता दिया है कि 'अबकी बार 400 पार' महज नारा भर नहीं था, बल्कि जमीन से उठी जनभावनाओं की आवाज थी।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 10 वर्षों के काम ने देश के हर नागरिक को छूने का प्रयास किया। इस क्रम में सरकार की नीतियों के प्रभाव और प्रसार पर सहमति या असहमति हो सकती है, लेकिन उन नीतियों के पीछे किए जा रहे ईमानदार प्रयास पर सवाल नहीं उठाया जा सकता।
सिन्हा ने कहा कि विपक्ष अपनी गिरेबान में झांकने के बजाय मोदी पर व्यक्तिगत आक्षेप करने में जुटा है। वे न तो कोई वैकल्पिक नेतृत्व सामने रख पाए हैं, न ही देश चलाने का कोई नीतिगत एजेंडा लेकर आ सके। उनका सारा प्रयास इसी दिशा में लगा था कि भ्रम, भय और भेद का माहौल बनाकर मोदी सरकार की लोकप्रियता को किस प्रकार कुंद की जाए।
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