बिहार में 7 जिलों के डीडीसी-ईओ पर कसा शिकंजा, नीतीश सरकार ने लापरवाही पर मांगा जवाब; 7 दिन का मिला अल्टीमेटम
बिहार के सात जिलों के डीडीसी और ईओ पर शिकंजा कसा गया है। पंचायती राज विभाग की तरफ से यह कार्रवाई की गई है। मुंगेर दरभंगा खगड़िया मधुबनी समस्तीपुर पटना और बक्सर जिले के डीडीसी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। सभी डीडीसी पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है। लापरवाही की वजह से बड़ा नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News सरकार की पहल के बावजूद विकास योजनाओं में जन सरोकार की अनदेखी करने वाले उप मुख्य विकास आयुक्तों की खैर नहीं है। शासन ने दायित्व में कोताही को आधार बनाते हुए सात जिलों के डीडीसी (उप विकास आयुक्त)/ ईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) से स्पष्टीकरण मांगा है।
डीडीसी पर आरोप है कि जिला परिषद अध्यक्षों से समन्वय स्थापित कर पंचायती राज मंत्रालय के ई ग्राम स्वराज पोर्टल पर वार्षिक कार्ययोजना तय समय सीमा में अपलोड नहीं करवा पाए। इस वजह से केंद्र सरकार ने बिहार के सात जिला परिषदों को विकास राशि से वंचित कर दिया हैं।
शासन ने मामले को गंभीरता से लिया है। पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने सात जिलों के डीडीसी से सात दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है।
शासन ने जिन जिलों के डीडीसी से जवाब तलब किया है, उनमें मुंगेर, दरभंगा, खगड़िया, मधुबनी, समस्तीपुर, पटना और बक्सर सम्मिलित है। आरोप है कि अफसरों की कोताही से 15वीं वित्त आयोग की अनुदान राशि रोकी गई है। वार्षिक कार्ययोजना अपलोड नहीं करने एवं आडिट नहीं कराने के कारण राशि रोकी गई है।
पंचायत राज मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सात जिलों को छोड़ कर 31 जिला परिषदों के लिए राशि जारी का दी है। त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थानों की राशि रुकने से दो करोड़ से अधिक आबादी वाले क्षेत्र में विकास कार्य प्रभावित होंगे।
यह हुआ नुकसान
त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में सभी विकास कार्य प्रभावित होंगे। सड़क, गली, नाली निर्माण और मरम्मत कार्य प्रभावित होगा। सोलर लाइट स्थापना, सामुदायिक भवन, खेल मैदान और विद्यालय की चारदिवारी आदि कार्य रुक जाएंगे।
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