संसदीय क्षेत्र-मंत्रालय के बाद Pashupati Paras के कार्यालय पर भी Chirag का कब्जा, पिछले महीने ही कर दिया था खेल
Bihar Politics News बिहार में चाचा-भतीजे की लड़ाई अब एक अलग मोड़ पर चली गई है। रामविलास पासवान की मौत के बाद लोजपा दो हिस्से में बंट गई थी। इसके बाद काफी कुछ चाचा पशुपति पारस के हिस्से में चला गया लेकिन चिराग ने धीरे-धीरे सब वापस हासिल कर लिया जो कभी उनके पिता ने संघर्ष कर हासिल किया था।
राज्य ब्यूरो, पटना। पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के हाथ से लोजपा से जुड़ी हरेक पहचान निकल कर भतीजा चिराग पासवान के हिस्से में जा रही है।
राज्य सरकार ने मंगलवार को एक व्हीलर रोड (शहीद पीर अली खान मार्ग) स्थित लोजपा के कार्यालय को केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की अगुआई वाली लोजपा (रा) को आवंटित कर दिया। लोजपा की स्थापना 2003 में हुई।
LJP के बंटवारे के बाद पशुपति के पास था कार्यालय
2006 में भवन निर्माण एवं आवास विभाग ने इस कार्यालय का आवंटन लोजपा के नाम किया था। तब से यह कार्यालय लोजपा के पास ही था। लोजपा दो हिस्से में बंटी। विभाजन के बाद यह पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाले रालोजपा के कब्जे में रहा।2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने लोजपा (रा) के साथ गठबंधन किया, उसे लोकसभा की पांच सीटें दी गईं। सब पर जीत हासिल हुई। इसका बड़ा असर यह हो गया कि चिराग पासवान केंद्र में खाद्य प्रसंस्करण मंत्री बन गए। यह विभाग पहले पशुपति कुमार पारस के पास था।पिछले महीने की 13 तारीख को भवन निर्माण विभाग ने लोजपा के कार्यालय का आवंटन रद्द कर दिया। उस समय तक कार्यालय पर रालोजपा का कब्जा था। बुधवार को यह कार्यालय भी चिराग की पार्टी को दे दिया गया। इससे पहले चिराग ने अपने चाचा की हाजीपुर सीट पर जीत हासिल कर उन्हें घर बिठा दिया।
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