Move to Jagran APP

नए रेट में थमा दी पुरानी कार, सर्विस सेंटर में खुल गई पोल; अब आयोग ने एजेंसी को सिखाया सबक

बिहार के सारण जिले के धर्मनाथ प्रसाद यादव ने 2012 में आशा मोटर्स से नैनो कार खरीदी थी लेकिन बाद में पता चला कि कार सेकेंड हैंड थी। उन्होंने जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज की जिसने आशा मोटर्स को नई कार देने या भुगतान की गई राशि वापस करने का आदेश दिया। आयोग ने मानसिक तनाव और कानूनी प्रक्रिया में खर्च के एवज में हर्जाना भी लगाया।

By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Updated: Mon, 07 Oct 2024 09:05 AM (IST)
Hero Image
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। व्यावसायिक धूर्तता का यह अद्भुत उदाहरण है। हालांकि, निर्णय आने में लगभग 12 वर्ष लग गए। मामला नैनो कार की खरीद-बिक्री का है। अगर सर्विस सेंटर ने सच्चाई नहीं बताई होती तो खरीदार नए की कीमत देकर पुरानी कार पर चलने के लिए विवश होता।

पोल खुल जाने पर अब विक्रेता एजेंसी को कार की कीमत से थोड़ा ही कम जुर्माना भरने का आदेश हुआ है।मूलत: सारण जिला में डेरनी के रहने वाले धर्मनाथ प्रसाद यादव ने 2012 में 23 जनवरी को 170500 रुपये का भुगतान कर पटना में आशा मोटर्स से नैनो कार की खरीद की।

उसी वर्ष 28 दिसंबर को उन्हें सर्विस सेंटर से पता चला कि वह कार तो सेकेंड हैंड है। 2011 की जुलाई में मनोज कुमार उसके पहले खरीदार थे। उनके नाम टैक्स एनवायस रिकॉर्ड है। आशा मोटर्स और टाटा मोटर्स का चक्कर लगाने के बाद धर्मनाथ 2014 में 28 जनवरी को जिला उपभोक्ता आयोग पहुंचे।

आयोग के अध्यक्ष प्रेम रंजन मिश्रा व सदस्य रजनीश कुमार ने शिकायत को सही पाया। आशा मोटर्स को आयोग ने आदेश दिया कि वह धर्मनाथ को उसी मॉडल की नई कार दें, अन्यथा 12 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान की गई राशि वापस करे।

ब्याज की गणना शिकायत की तिथि से होगी

इसके अलावा, मानसिक तनाव के एवज में एक लाख व कानूनी प्रक्रिया में खर्च के एवज में 50 हजार रुपये बतौर हर्जाना देना होगा। ब्याज की गणना शिकायत की तिथि से होगी। चार माह के भीतर भुगतान करना है, अन्यथा आगे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-71 के अंतर्गत कार्रवाई होगी। उसमें जेल की सजा भी होती है।

धर्मनाथ ने आशा मोटर्स, उसके प्रोपेराइटर व एजेंट के साथ टाटा मोटर्स के विरुद्ध शिकायत की थी। आयोग के समक्ष केवल टाटा मोटर्स का प्रतिनिधि ही उपस्थित हुआ। आशा मोटर्स से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई।

टाटा मोटर्स ने स्पष्ट बताया कि वह उत्पादक मात्र है। कार की खरीद-बिक्री का सौदा धर्मनाथ और आशा मोटर्स के बीच का है। आयोग ने इस तर्क को सही माना।

यह भी पढ़ें-

हाईवे पर चलती कार में अचानक उठने लगा धुआं, बाल-बाल बचे सवार; देखते ही देखते बन गई आग का गोला

नहीं थम रही तस्करी... चार पहिया वाहन में लोड 375 लीटर शराब जब्त, गाड़ी छोड़कर भाग रहे तस्कर को भी पुलिस ने दबोचा

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।