नीतीश सरकार का अहम फैसला, अब AI और मशीन लर्निंग से ली जाएगी सड़कों की जानकारी; इंजीनियर हुए अलर्ट
बिहार में सड़कों की स्थिति की निगरानी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तकनीक से सड़कों के गड्ढों दरारों बैरियर के टूटने डिवाइडर की गड़बड़ी घास-फूस आदि की पहचान की जा सकती है। इस सिस्टम से इंजीनियर भी अलर्ट हो गए हैं और सड़कों की मरम्मत का काम तेजी से हो रहा है।
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। पथ निर्माण विभाग अपनी सड़कों की स्थिति की रिपोर्ट अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के माध्यम से हासिल कर रहा। वर्तमान में दो हजार किमी सड़क को पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस योजना से जोड़ा गया है। बिहार में पहली बार सड़कों की स्थिति जानने के लिए इस तरह की अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा।
इस तरह से काम करता है सिस्टम
इस तकनीक पर काम करने के लिए पथ निर्माण विभाग ने सड़क से जुड़े मामलों की कोडिंग कर रखी है। इसके तहत सड़क के गड्ढे, दरक गयी सड़क, सड़क के किनारे बने बैरियर का टूटना, डिवाइडर की गड़बड़ी, सड़क के किनारे उगी घास, झार आदि की समझ मशीन लर्निंग सिस्टम में कोड के साथ सॉफ्टवेयर में डाला गया है। वहीं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तहत एक वाहन में सेंसर लगा है।
इस तरह से वाहन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व मशीन लर्निंग दोनों से युक्त है। यह पथ निर्माण विभाग द्वारा बताए सड़क पर घूमता है और कोडिंग के आधार पर समस्याओं को रिपोर्ट वाली वीडियो उपलब्ध कराता है। संबंधित सड़क की जो समस्या सामने आती है वहां भूरे रंग की एक बाक्स बन जाता है। तीन से चार दिनों के भीतर पथ निर्माण विभाग के कंट्रोल रूम को यह रिपोर्ट उपलब्ध हो जाती है।
रिपोर्ट के साथ-साथ संबंधित डिवीजन के इंजीनियर की भी मॉनीटरिंग
रोड मेंटेनेंस पालिसी के तहत पथ निर्माण विभाग के संबंधित डिवीजन द्वारा उनके अधीन जो सड़क है उसकी रिपोर्ट भेजी जाती है। अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग सिस्टम से भी पथ निर्माण विभाग को सड़क की स्थिति की रिपोर्ट मिल रही। इंजीनियर व निर्माण एजेंसी की रिपोर्ट इससे मिलायी जाती है। गड़बड़ी पाए जाने पर इंजीनियर तलब किए जा रहे, इसलिए इस सिस्टम से इंजीनियर भी अलर्ट हो गए हैं।
जहां की तस्वीर आ रही वहां जाकर ही सड़क ठीक करने की रिपोर्ट अपलोड होगी
नयी तकनीक में यह भी शामिल है जहां सड़क में कोई गड़बड़ी है वहां की तस्वीर अक्षांश और देशांतर के साथ आ रही। इंजीनियर व संवेदक यूं ही सड़क से जुड़ी समस्या को दुरुस्त कर लेने की रिपोर्ट अपलोड नहीं कर सकेंगे।जिस अक्षांश और देशांतर पर तस्वीर ली गयी है वहीं जाकर दुरस्त सड़क की रिपोर्ट अपलोड करनी है। दूसरी जगह पर तस्वीर अपलोड करने का सिस्टम खुलेगा ही नहीं।
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