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Air Pollution in Bihar: दिवाली से पहले ही पटना में जहरीली हुई हवा, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर का भी बुरा हाल

Air Pollution in Bihar दीपावली से पहले खराब होने लगी बिहार के शहरों की हवा। पटना मुजफ्फरपुर भागलपुर समेत कई शहरों की हवा बहुत खराब। सामान्‍य स्‍तर से दोगुना या इससे अधिक हो चुकी है प्रदूषण की मात्रा

By Shubh Narayan PathakEdited By: Updated: Wed, 19 Oct 2022 08:18 AM (IST)
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Air Pollution in Bihar: बिहार में बढ़ा वायु प्रदूषण। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
पटना, जागरण टीम। Bihar News: बिहार से मानसून लौट चुका है। परंतु हवा में नमी अभी भी बनी हुई है। उसका असर वातावरण पर दिखाई पडऩे लगा है। वातावरण में नमी बरकरार रहने एवं धूलकण उडऩे के कारण वायु में धूलकण की सघनता बढऩे लगी है। इससे वायु की गुणवता तेजी से खराब हो रही है। वर्तमान में राजधानी से लेकर प्रदेश के अधिकांश शहरों की वायु की गुणवत्‍ता में गिरावट देखी जा रही है। 

एक्‍यूआइ का 100 से नीचे रहना बेहतर 

पटना के अलावा भागलपुर, गया, पूर्णिया, बेगूसराय, दरभंगा, मुजफ्फरपुर समेत अन्य शहरों में मंगलवार का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में गिरावट देखी गई है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डा.अशोक कुमार घोष का कहना है कि एक्यूआई 100 के नीचे होना स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है। उससे अधिक होने पर मानव स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

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पटना में बेहद खराब स्‍थ‍िति 

पटना में मंगलवार को एक्यूआई 223 दर्ज किया गया, जो सामान्य से बहुत ज्यादा खराब स्थिति में है। प्रदूषण के मामले में सबसे बुरा हाल उत्तर बिहार के शहरों का है। मोतिहारी में एक्यूआई 110 और बेतिया में 209 दर्ज किया गया। इसके अलावा मुजफ्फरपुर में 110 और दरभंगा में भी एक्यूआई 187 है।

प्रमुख शहरों में एक्‍यूआइ (मंगलवार )

  • पटना - 223 (खराब)
  • मुजफ्फरपुर - 110 
  • भागलपुर - 194 
  • गया - 116 
  • पूर्णिया - 128 
  • बेगूसराय - 250 
  • समस्तीपुर - 175 
  • हाजीपुर - 134 
  • मोतिहारी - 110 
  • गोपालगंज - 191
  • दरभंगा - 187 
  • बेतिया - 209 

प्रदूषण के कारण बढ़ रही एलर्जी की समस्या 

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वातावरण में प्रदूषण की मात्रा बढऩे से लोगों में एलर्जी की समस्या काफी बढ़ गई है। पीएमसीएच के हार्ट रोग विशेषज्ञ डा. अशोक कुमार का कहना है कि राजधानी में प्रदूषण की समस्या बढऩे से सर्दी-खांसी की समस्या देने को मिल रही है। इसका मुख्य कारण एलर्जी है। एलर्जी की समस्या अधिक दिनों तक रहने पर सांस लेने में कठिनाई होने लग रही है, जिससे दूसरी बीमारियां लोगों को परेशान कर रही हैं।

50 से नीचे एक्‍यूआइ सबसे बेहतर 

एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स यानी एक्‍यूआइ का 50 से नीचे रहना अच्‍छा माना जाता है। 50 से 100 के बीच इसे संतोषजनक, 100 से 200 के बीच चिंताजनक, 200 से 300 के बीच खराब, 300 से 400 के बीच बहुत खराब और 400 से 500 के बीच खतरनाक माना जाता है। हालांकि यह पैमाने भारत में निर्धारित हैं। आपको विदेश के कई शहरों में एक्‍यूआइ का पैमाना जानकर हैरानी हो सकती है। 

हर घंटे जारी किए जाते हैं आंकड़े

भारत के प्रमुख शहरों के लिए वायु गुणवत्‍ता सूचकांक के आंकड़े हर घंटे जारी किए जाते हैं। इसे आप केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट (https://app.cpcbccr.com/AQI_India/) पर जाकर चेक कर सकते हैं। इस वेबसाइट पर स्‍टेशन वार आंकड़े शेयर किए जाते हैं। उदाहरण के लिए पटना में कई स्‍थानों पर एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स के आंकड़े इकट्ठा किए जाते हैं। बोर्ड की ही वेबसाइट के एक अन्‍य पेज (https://ncdc.mohfw.gov.in/cpcbaqi.php) पर आप शहर के औसत एक्‍यूआइ को चेक कर सकते हैं। 

बुधवार की सुबह सात बजे के लिए दर्ज आंकड़े

  • शहर का नाम - वायु गुणवत्‍ता सूचकांक  
  • दिल्‍ली - 239
  • लखनऊ - 145
  • भोपाल - 132
  • पटना - 168
  • भागलपुर - 140
  • मुजफ्फरपुर - 162
  • गया - 124
  • राजगीर - 104
  • इंदौर - 106
  • प्रयागराज - 112
  • आइजोल - 24
  • अमरावती - 34
  • बेंगलुरू - 46 
  • शिलांग - 23 
  • सतना - 24

विकसित देशों के मानक काफी अलग 

हवा की गुणवत्‍ता के मामले में विकसित देशों के मानक थोड़े अलग हैं। वायु गुणवत्‍ता के मामले में भारत की स्‍थ‍िति काफी खराब है। बांग्‍लादेश और पाकिस्‍तान जैसे देश ही खराब वायु के मामले में भारत से ऊपर हैं। इसके पीछे बड़ा कारण इन देशों की सघन आबादी और अर्थव्‍यवस्‍था का विकासशील या अविकसित होना है। इसे ऐसे समझें कि पिछले साल कनाडा का औसत एक्‍यूआइ 35 जबकि भारत का 151 था। 

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