फातमी ने Nitish Kumar को कर दिया Bye-Bye! जदयू नेताओं ने बताई सियासी खेल की 'इनसाइड स्टोरी'
अली अशरफ फातमी ने नीतीश कुमार को बाय-बाय कर दिया है। चर्चा है कि वो राजद ज्वाइन कर सकते हैं। फातमी के जदयू छोड़ने पर पार्टी के अल्पसंख्यक नेता नाराज हैं। जदयू नेताओं का कहना है कि वह कसमें खाया करते थे कि अंतिम सांस तक जदयू में रहेंगे लेकिन आज पार्टी को धोखा देकर नैतिक मूल्यों की दुहाई दे रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू के अल्पसंख्यक नेताओं ने मंगलवार को पार्टी दफ्तर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर जदयू से त्यागपत्र देने वाले अली अशरफ फातमी पर खूब निशाना साधा। एक स्वर में कहा कि फातमी ने पार्टी के साथ विश्वासघात किया। जनता जरूर जवाब देगी।
जदयू विधान पार्षद खालिद अनवर, जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डा. अशरफ हुसैन, विधान परिषद के पूर्व सभापति सलीम परवेज, पूर्व मंत्री नौशाद आलम तथा पूर्व विधायक मुजाहिद आलम ने एक साथ अली अशरफ फातिमी पर हमला बोला।
इन्होंने कहा कि वह कसमें खाया करते थे कि अंतिम सांस तक जदयू में रहेंगे, लेकिन आज पार्टी को धोखा देकर नैतिक मूल्यों की दुहाई दे रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया और उनके बेटे को चुनाव लड़ने का मौका दिया फिर भी उन्होंने नीतीश कुमार के साथ छल किया।
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद और अली अशरफ फातमी में एक बात समान है कि दोनों नेता अपने परिवार की चिंता करते हैं। उन्हें समाज की कोई चिंता नहीं ।
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव अली अशरफ फातमी ने पार्टी को छोड़ा
पूर्व केंद्रीय मंत्री व जदयू के राष्ट्रीय महासचिव अली अशरफ फातमी ने जदयू से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना त्यागपत्र मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेज दिया। अपने त्यागपत्र में उन्होंने यह लिखा है कि वह नैतिक मूल्यों की वजह से जदयू को छोड़ रहे हैं।अली अशरफ फातमी के बारे में यह चर्चा है कि वह फिर से राजद का दामन थाम सकते हैं। वह मधुबनी या फिर दरभंगा से जदयू की टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। जदयू के एनडीए में शामिल होने के बाद दोनों सीट भाजपा के पास चली गयी। ऐसे में फातमी ने जदयू से इस्तीफा दे दिया। राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा है कि वह दरभंगा या फिर मधुबनी से राजद के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे।
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