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राजनाथ सिंह से मुलाकात, लालू के घर नहीं मिली एंट्री और ठाकुर विवाद पर खुलकर बोले आनंद मोहन

Anand Mohan पूर्व सांसद आनंद मोहन ने गुरुवार को राजद सांसद मनोज झा पर ठाकुर विवाद को लेकर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें फिटकरी और एजेंट तक बताया। आनंद मोहन ने कहा कि मैं किसी व्यक्ति के बयान पर प्रतिक्रिया देने के लिए खड़ा नहीं हुआ हूं।

By Jagran NewsEdited By: Yogesh SahuUpdated: Thu, 28 Sep 2023 02:09 PM (IST)
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गृह मंत्री-राजनाथ से मुलाकात, लालू के घर नहीं मिली एंट्री और ठाकुर विवाद पर खुलकर बोले आनंद मोहन
Anand Mohan : जागरण डिजिटल डेस्क, पटना। पूर्व सांसद आनंद मोहन ने दिल्ली से पटना पहुंचते ही गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए ठाकुर विवाद को लेकर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने राजद सांसद मनोज झा पर जमकर निशाना साधा। इसके साथ ही मीडिया में चल रही गृहमंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह से मुलाकात और लालू यादव के घर में एंट्री नहीं मिलने की खबरों को लेकर भी तंज कसा। 

आनंद मोहन ने गुरुवार को ठाकुर विवाद को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। पटना में मीडिया कर्मियों से बात करने के दौरान उन्होंने कहा कि मैं किसी व्यक्ति के बयान पर प्रतिक्रिया देने के लिए खड़ा नहीं हुआ हूं।

बीमार मानसिकता का द्योतक : आनंद मोहन

आनंद मोहन ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण ये हुआ है कि लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर में हाल के दिनों में दो घटनाएं हुईं। हमारे पुरखों ने असीम कुर्बानियां देकर आजादी और लोकतंत्र को बहाल किया।

आज हमारा देश सबसे बड़ा लोकतंत्र है, गणराज्य है। एक धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी गणराज्य में राष्ट्र के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर में अगर किसी धर्म विशेष पर टिप्पणी होती है या किसी जाति विशेष पर टिप्पणी होती है।

यह राज्यसभा हो या लोकसभा हो उसकी कार्यवाही में दर्ज हो जाता है। उन्होंने कहा कि गालियां दी गईं, मैं उस पर आपत्ति जताता हूं।

उन्होंने कहा कि टारगेट करके, संदर्भ से बाहर जाकर एक जाति विशेष पर टिप्पणी की गई, गालियां दी गईं। महिला आरक्षण विधेयक पर बहस चल रही थी। वो पेश किया गया था। उसको पास होना था। उसमें ठाकुर का कुआं लाया गया। ये बीमार मानसिकता का द्योतक है।

ये पूर्वाग्रह से ग्रसित व्यक्ति की संकीर्ण मानसिकता का परिचायक है और मैं उसके खिलाफ खड़ा हुआ हूं। चाहे वो इस देश के मुसलमानों को जिसकी शुरुआत होती है 1857 में, जिसके बलिदान का इतिहास है। 1857 के गदर का जो हमारा नायक था, वो था बहादुर शाह जफर।

हमारे जो क्रांतिकारी और पुरखे बलिदानी हुए। उनमें भगत सिंह, चंद्र शेखर आजाद, बिस्मिल थे। उनमें एक नौजवान और था, उसका नाम था अशफाकउल्ला खान।

अगर गांधी के नेतृत्व में आजादी की लड़ाई हुई तो उसके पीछे भी अब्दुल गफ्फार खान, अबुल कलाम आजाद ऐसे दर्जनों लोगों की असीम कुर्बानियां हैं। सबको लेके ये मुल्क आजाद हुआ है।

मुल्क की आजादी के बाद यहां की सीमा की रक्षा की बारी आई तो कैप्टन हमीद ने आगे आकर भूमिका निभाई। आज कोई सांसद संसद में किसी धर्म विशेष या जाति विशेष को गाली दे, ये बर्दाश्त के काबिल नहीं है।

उन्होंने कहा कि धर्म विशेष को आतंकवादी कहा जाए या ठाकुर को मारो, अपने अंदर के ठाकुर को मारो.. ये बार-बार दोहराना, ये कतई बर्दाश्त के लायक नहीं है। इसको कोई भी लोकतंत्र के मूल्यों में यकीन करने वाला कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।

आनंद मोहन ने कहा कि महिला बिल को लेकर लोग भाषण देते हैं, मेरा खून बहा है। लवली आनंद की गिरफ्तारी हुई है आधी आबादी को हक के सवाल पर। ठाकुर विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि हम हर कीमत पर इसको (संसद में भाषण को) होने से रोकते।

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मनोज झा को बताया फिटकरी

आनंद मोहन ने मीडिया से बात करते हुए मनोज झा को फिटकरी बताया। उन्होंने कहा कि दूध में फिटकरी डाल दें तो वह फट जाता है। ऐसी एक फिटकरी झा हैं।

वो नहीं चाहते हैं कि इस देश-प्रदेश में जो मार्शल कौमें हैं, जो कृषक जातियां हैं वो इकट्ठा हों। एजेंट बनके पार्टियों में बैठे हुए हैं। किसके एजेंट हैं पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि और किसके होंगे, जिनकी केंद्र में सरकार है, उनके एजेंट हैं।

मैं इनके बड़े पिताजी की कहानी जानता हूं। वो बहुत बड़े-प्रखर समाजवादी बनने का चोगा ओढ़े हुए थे। जीते समाजवादी पार्टी से और जैसे ही कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी, समाजवादी चोले को फेंककर कांग्रेस में जाकर मंत्री हो गए।

राजद इस बात को नहीं समझ रही है। हम उसके शीर्ष नेतृत्व को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोग तभी तक हैं, जब तक राजद अस्तित्व में होगी। जैसे ही लगेगा कि कमजोर हो गई तो ये सबसे पहले भाजपा की गोद में जाकर बैठ जाएंगे।

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आनंद मोहन ने कहा कि ये किसी बिरादरी की लड़ाई नहीं है। ये एक जाति विशेष को जो गाली दी गई है उसके खिलाफ आवाज है। एक धर्म को टारगेट किया गया है, सिर्फ एक व्यक्ति को गाली नहीं दी गई। उस धर्म का इतिहास है, आप उस पर अंगुली उठाएंगे, उसकी राष्ट्रभक्ति पर सवाल उठाएंगे तो आनंद मोहन बोलेंगे।

राजनाथ से मुलाकात पर बोले

दिल्ली में राजनाथ सिंह से मुलाकात के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोई नाराजगी नहीं है। आप सब लोग क्रिएट कीजिए कि लालू जी का नीतीश जी का झगड़ा हो गया। आनंद मोहन मिलने चले गए। आनंद मोहन की गाड़ी लालू के घर में जाने नहीं दी गई। ये सब क्रिएट कीजिए। ये सब के जवाब के लिए हम नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि महात्मा बुद्ध ने कहा है कि कुछ प्रश्न होते हैं, जिनके जवाब दिए जाते हैं। कुछ प्रश्न ऐसे होते हैं जिनको अव्याकृत करके रद्दी की टोकरी में फेंक दीजिए। आपके इन प्रश्नों को मैं खारिज करता हूं।

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